नई दिल्ली : देश में फैली महामारी के कारण देश वापस लौटने वाले हमारे कुशल कर्मचारियों के सर्वश्रेष्ठ उपयोग के लिए, भारत सरकार ने वंदे भारत मिशन के तहत लौटने वाले नागरिकों का कौशल मानचित्रण करने के लिए एक नई पहल स्वदेस (स्किल्ड वर्कर्स अराइवल डेटाबेस फॉर एम्प्लॉयमेंट सपोर्ट) शुरू की है। यह कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय, नागरिक उड्डयन मंत्रालय और विदेश मंत्रालय की एक संयुक्त पहल है, जिसका उद्देश्य भारतीय और विदेशी कम्पनियों की मांग को समझने और उसे पूरा करने के लिए उनके कौशल और अनुभव के आधार पर योग्य नागरिकों का एक डेटाबेस बनाना है।
एकत्रित जानकारी को देश में नियोजन के उपयुक्त अवसरों के लिए कंपनियों के साथ साझा किया जाएगा। लौटने वाले नागरिकों को एक ऑनलाइन स्वदेस कौशल कार्ड भरना आवश्यक है। कार्ड राज्य सरकारों, उद्योग संघों और नियोक्ताओं सहित प्रमुख हितधारकों के साथ विचार-विमर्श के जरिये रोजगार के उपयुक्त अवसरों के साथ लौटने वाले नागरिकों को प्रदान करने के लिए एक रणनीतिक ढांचा प्रदान करेगा। एमएसडीई की कार्यान्वयन शाखा राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) परियोजना के कार्यान्वयन का समर्थन कर रहा है।
सहयोग पर टिप्पणी करते हुए, केंद्रीय कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री डा. महेन्द्र नाथ पांडे ने कहा, “ये परीक्षा की घड़ी है और यह महत्वपूर्ण है कि पूरा देश एक साथ आए और कोविड-19 महामारी के कारण अर्थव्यवस्था में आई गिरावट से उत्पन्न चुनौतियों से निपटने के लिए केन्द्र के प्रयासों में सहयोग करे। हमें खुशी है कि वंदे भारत मिशन के अंतर्गत विदेशों से लौटने वाले नागरिकों का कौशल मानचित्रण कराने के लिए हमने नागर विमानन मंत्रालय और विदेश मंत्रालय के साथ साझेदारी की है। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा सभी के लिए सुरक्षा और विकास के दृष्टिकोण से प्रेरित, स्वदेस कौशल कार्ड के माध्यम से एकत्र किए गए आंकड़ों से नागरिकों को नौकरी की संभावनाएं दिलाने और मांग-आपूर्ति के अंतर को पाटने में मदद मिलेगी।”
दुनिया भर में कोविड-19 के फैलने से हजारों श्रमिकों पर जबरदस्त आर्थिक प्रभाव पड़ा है, जिससे हजारों श्रमिकों को अपनी नौकरियां गंवानी पड़ी हैं और दुनिया भर में सैकड़ों कंपनियां बंद हो रही हैं। भारत सरकार के वंदे भारत मिशनके माध्यम से देश लौटने वाले हमारे अनेक नागरिक अपने भविष्य के रोजगार के अवसरों को लेकर अनिश्चितता का सामना कर सकते हैं। लाखों नागरिकों ने देश लौटने का अनुरोध करते हुए विभिन्न भारतीय मिशनों में पंजीकरण किया है और अब तक 57,000 से अधिक लोग देश में वापस आ चुके हैं।
इस पहल पर अपने विचार साझा करते हुए केन्द्रीय नागर विमानन मंत्री, श्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा, “जब हमने वंदे भारत मिशन की शुरुआत की, तो हमने देखा कि हमारे बहुत से विदेशी कर्मचारी नौकरी के नुकसान के कारण भारत लौट रहे हैं,उनके पास अंतरराष्ट्रीय कौशल और अनुभव हैं जिसकी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों के लिए बहुत उपयोगिता है। हम इन श्रमिकों के डेटाबेस को इकट्ठा करने के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल बनाने के लिए एमएसडीईतक पहुंचे। स्वदेसकौशल कार्ड के बारे में जानकारी का प्रसार सुनिश्चित करने के लिए, एयर इंडिया और एयर इंडियन एक्सप्रेस द्वारा विमान के अंदर घोषणाएं की जा रही हैं, जो वंदे भारत मिशन के तहत उड़ानों का संचालन कर रही हैं। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण और अन्य निजी हवाई अड्डों ने भी बैनर/स्टैंड और डिजिटल निर्देशक संकेतक लगाए हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि हमारे विदेश से लौटने वाले सभी प्रवासियों को इस पहल के बारे में सूचित किया जा सके।
विदेश मंत्री डॉ. सुब्रह्मण्यम जयशंकर ने टिप्पणी की, “नोवल कोरोना वायरस के अभूतपूर्व प्रसार के कारण वैश्विक आपातकाल के मद्देनजर, हम विदेश में फंसे अपने नागरिकों और नौकरियां खोने के कारण उत्पन्न चुनौतियों के लिए हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम विभिन्न देशों में अपने दूतावासों/उच्चायोगों/वाणिज्य दूतावासों के माध्यम से स्वदेस कौशल कार्ड पहल को सक्रिय रूप से बढ़ावा देंगे। इस पहल से वापस लौटने वाले कार्य बल की उनके कौशल से मेल खाती हुई तैनाती में मदद मिलेगी। ”
ऑनलाइन फॉर्म www.nsdcindia.org/swadesपर उपलब्ध हैं, इन्हें लौटने वाले नागरिकों के आवश्यक विवरण एकत्र करने के लिए तैयार किया गया है। फॉर्म में कार्यक्षेत्र, नौकरी का शीर्षक, रोजगार, अनुभव के वर्षों से संबंधित विवरण शामिल हैं। फॉर्म भरने से संबंधित किसी भी प्रश्न के लिए नागरिकों को सहयोग देने के लिए एक टोल फ्री कॉल सेंटर सुविधा भी स्थापित की गई है।
स्वदेस कौशल फॉर्म (ऑनलाइन) को 30 मई 2020 को प्रसारित किया गया था और 3 जून 2020 (दोपहर 2 बजे) तक लगभग 7000 पंजीकरण किए हैं। अब तक एकत्र किए गए आंकड़ों में, जहां से नागरिक वापस लौट रहे हैं, उन शीर्ष देशों में संयुक्त अरब अमीरात, ओमान, कतर, कुवैत और सऊदी अरब शामिल हैं। कौशल मानचित्रण के अनुसार, इन नागरिकों को मुख्य रूप से तेल और गैस, निर्माण, पर्यटन और आतिथ्य, मोटर वाहन और विमानन जैसे क्षेत्रों में नियोजित किया गया था। आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि जिन राज्यों ने सबसे ज्यादा श्रमिकों के लौटने की जानकारी दी है, वे हैं- केरल, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, कर्नाटक और तेलंगाना।