रायपुर । नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि मंत्री शिव डहरिया का बयान बेहद ही हास्यास्पद है। भारतीय जनता पार्टी जब कोर्ट के शरण में गई है तो कांग्रेस को भय क्यों होता है? इस जांच को लेकर पूर्ववर्ती भाजपा सरकार द्वारा जस्टिस मिश्रा जांच आयोग बनाया गया।जिसमें जांच आयोग ने सभी तथ्यों का जांच किया तथा जांच के बाद उसका प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। प्रतिवेदन प्रस्तुत होने के बाद इसका परीक्षण होना था तथा जनता के सामने इसकी सच्चाई आनी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार आखिर नया कमीशन क्यों बनाना चाहती है? इस पर मंत्री शिव डहरिया का कहना है कि जांच रिपोर्ट अधूरी है। नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने कहा कि क्या प्रदेश सरकार इस प्रतिवेदन को खोलकर देखा है? क्या इस जांच प्रतिवेदन को खोलकर पढ़ा गया है? क्या आपकी सरकार द्वारा इसकी परीक्षण कराई गई है? क्या विधानसभा के पटल पर इसको रखा गया तथा उसको रखने के बाद उसका परीक्षण किया गया? उन्होंने कहा कि आखिरकार किस आधार पर प्रदेश सरकार के मंत्री द्वारा कहा गया कि जांच रिपोर्ट अधूरी है तथा इसकी और जांच की आवश्यकता है।
नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने कहा कि झीरम घटना की जांच हेतु उस समय दो जांच आयोग का गठन किया गया तथा तत्कालिन केन्द्र की यूपीए सरकार के उस समय के गृह मंत्री द्वारा एनआईए का गठन किया गया तथा एनआईए द्वारा जांच किया गया। उसके बाद हाईकोर्ट के जज द्वारा जांच हेतु जस्टिस मिश्रा जांच आयोग बनाया गया तथा जांच की कार्यवाही भी की गई। जांच होने के बाद प्रतिवेदन प्रस्तुत की गई। इसके बाद प्रतिवेदन का परीक्षण होना है तथा जो तथ्य है उसे जनता के बीच लाना है। उन्होंने कहा कि इस कमीशन से कांग्रेस भयभीत क्यों है? इसको जनता के बीच लाना क्यों नहीं चाहती है? उन्होंने प्रदेश की कांग्रेस पूछा है कि नए कमीशन बना रहे तो पुराने कमीशन की कानूनी वैधता क्या रहेगा और उस कमीशन के प्रतिवेदन का क्या होगा। इस पर मंत्री जी को अध्यययन के उपरान्त जवाब देना चाहिए। जांच रिपोर्ट आने के बाद भी उस प्रतिवेदन को नहीं देखा गया उस पर विधि सम्मत कार्यवाही नहीं हुई और नए कमीशन बनाकर के इसकी जांच किस आधार पर करने की बात कर रहें हैं।