राष्ट्रीय जनजाति साहित्य महोत्सव समापन : राज्यपाल उईके ने केंद्रीय राज्य मंत्री रेणुका सिंह से की छत्तीसगढ़ का बजट डबल किए जाने की मांग

राष्ट्रीय जनजाति साहित्य महोत्सव समापन : राज्यपाल उईके ने केंद्रीय राज्य मंत्री रेणुका सिंह से की छत्तीसगढ़ का बजट डबल किए जाने की मांग

रायपुर । राज्यपाल अनुसुईया उइके गुरुवार रायपुर के पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में आयोजित राष्ट्रीय जनजातीय साहित्य महोत्सव के समापन समारोह में शामिल हुई। इस अवसर पर केन्द्रीय जनजातीय राज्य मंत्री रेणुका सिंह, आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, संसदीय सचिव द्वारिकाधीश यादव एवं विधायक लक्ष्मी ध्रुव उपस्थित थे।

इस बीच राज्यपाल उईके ने केंद्रीय राज्य मंत्री रेणुका सिंह से छत्तीसगढ़ का बजट बढ़ाए जाने की मांग की । उन्होंने कहा कि जितना बजट देश के अन्य राज्यों को दिया जाता है उससे डबल बजट छत्तीसगढ़ को दिया जाना चाहिए।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यपाल उइके ने कहा कि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा गत वर्ष भी राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव आयोजित किया गया था, जिसकी चर्चा देश-विदेशों में भी हुई। उइके ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन के अनुसार पूरे देश में जनजातियों के कल्याण के लिए अनेक कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। उन्होंने आदिवासी युवाओं का आह्वान किया कि वे जागरूक होकर इन कार्यक्रमों का लाभ लें। उन्होंने कहा कि इस तीन दिवसीय महोत्सव में शोध-परिचर्चा के दौरान जो भी निष्कर्ष आदिवासियों की बेहतरी के लिए आए होंगे उसके क्रियान्वयन के लिए राष्ट्रीय स्तर पर भी वे आवश्यक प्रयास करेंगी। उइके ने कहा कि इन तीन दिनों में यहां कई महत्वपूर्ण विषयों पर 107 शोधपत्रों का वाचन छत्तीसगढ़ के जनजाति साहित्य के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। राज्यपाल उइके ने कहा कि यदि उनके पूर्व निर्धारित कार्यक्रम नहीं होते तो वे निश्चित रूप से देश के प्रख्यात साहित्यकारों, लोककलाकारों के बीच आकर उनसे संवाद करतीं। कार्यक्रम के पश्चात् साहित्यकारों ने उन्हें अपनी पुस्तकें भी भेंट की। राज्यपाल ने सभी से अनौपचारिक रूप से मुलाकात की।

केन्द्रीय जनजातीय राज्य मंत्री रेणुका सिंह ने कहा कि जनजातीय कला लोकसंस्कृति को समृद्ध करने की जरूरत है। रेणुका सिंह कहा कि देशभर के विभिन्न शहरों में आदि महोत्सव का आयोजन किया जाता है। इस महोत्सव में देशभर के जनजातीय हस्तशिल्प कलाकारों को बाजार उपलब्ध कराकर उन्हें प्रोत्साहित किया जाता है। श्रीमती सिंह ने कहा कि हम अभी आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं। इसके अंतर्गत देश की परंपरा, सभ्यता को सुरक्षित और प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन देशभर में किया जा रहा है। इस परंपरा और सभ्यता को सुरक्षित रखने के लिए हमें कड़ी मेहनत करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा महोत्सव के दौरान पढ़े गए शोध पत्र निश्चय ही जनजातीय समाज और उनके विकास के काम आएगा।

आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने कहा कि जनजातीय कला-चित्रकला तथा नृत्य महोत्सव का आयोजन जनजातीय कलाकारों को अपनी प्रतिभा दिखाने का अच्छा अवसर प्रदान करता है। इस प्रकार के कार्यक्रम निश्चित रूप से जनजातीय साहित्य और साहित्यकारों का संरक्षण एवं संवर्धन करेंगे, साथ ही उन्हें प्रोत्साहित भी करंेगे।

राष्ट्रीय जनजातीय साहित्य महोत्सव के समापन समारोह के दौरान रायपुर के मठपुरैना स्थित शासकीय दृष्टिबाधित विद्यालय के विद्यार्थियों ने राज्यपाल उइके को उनका पोट्रेट भेंट किया। सुकमा जिले के दृष्टिबाधित दिव्यांग कलाकार कुमारी सोणी बीडे़ ने सत्यम शिवम् सुंदरम भजन की मनमोहक प्रस्तुति दी। साथ ही बस्तर के बाल कलाकार सहदेव ने बड़े ही मनमोहक अंदाज में बस्तर के लोकगीत को प्रस्तुत किया।

इस अवसर पर बिलासपुर संभागायुक्त संजय अलंग, आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति विभाग के सचिव डी.डी. सिंह, आयुक्त सह संचालक शम्मी आबिदी, पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के कुलपति केशरीलाल वर्मा उपस्थित थे।

नोट राष्ट्रीय साहित्य महोत्सव नाम से लाइव व्यू से लाइव खबर भेजी गई थी उसका विजुवल और एंबिएंस लगना है

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