अनुभा और रंजन को स्वामी आत्मानंद शासकीय अंग्रेजी माध्यम स्कूल के रूप में एक खूबसूरत दुनिया मिल गई। कोविड से उत्पन्न परिस्थितियों में अर्थाभाव के कारण उनके पिता ने शासकीय स्कूल में भर्ती करा दिया था। पहले ये दोनों छात्र निजी अंग्रेजी माध्यम स्कूल में पढ़ाई कर रहे थे। कलेक्टर बलरामपुर की पहल पर अब इन दोनों छात्रों का प्रवेश कराया गया है।
कलेक्टर को जब इन दोनों प्रतिभावान छात्रों के बारे में जानकारी मिली तब उन्होंने इन बच्चों से मुलाकात की। बच्चों ने बताया कि उनके पिता गांव में ही व्यवसाय करते हैं और व्यवसाय के सिलसिले में अक्सर बाहर रहते हैं। इन बच्चों ने बताया कि वे संतोषी नगर के विद्या सागर अंग्रेजी माध्यम स्कूल में पढ़ते थे। किंतु कोविड काल के दौरान स्कूल की फीस नहीं दे पाने की वजह से उनके पिता ने उनका दाखिला शासकीय प्राथमिक शाला बारियाती सरना में कराया है, तब से वे वहां पढ़ाई कर रहे हैं। कलेक्टर ने इन बच्चों की प्रतिभा को देखते हुए दोनों का प्रवेश स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल में स्वयं अभिभावक बनकर प्रवेश की औपचारिकताएं पूर्ण की। प्रवेश मिलते ही दोनों ही छात्रों के चेहरे खिल उठे, मानों उनके सपनों को उम्मीदों का आसमान मिल गया हो। कलेक्टर से मुलाकात के दौरान अनुभा ने डॉक्टर और रंजन आईएएस बनने के बारे में बताया।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर प्रदेश में गरीब और प्रतिभावान छात्रों को अंग्रेजी माध्यम में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए लगभग 171 स्कूल प्रारंभ किए गए हैं, ताकि राज्य के विद्यार्थियों को अंग्रेजी माध्यम में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके।