कृषि विज्ञान केन्द्र, दन्तेवाड़ा के प्रक्षेत्र में वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. नारायण साहू के मार्गदर्शन एवं डॉ. भुजेन्द्र कोठारी, प्रक्षेत्र प्रबंधक के निरीक्षण में 10 एकड़ क्षेत्रफल में धान के किस्म इंदिरा एरोबिक-1 का बीज उत्पादन लिया जा रहा है। बीज उत्पादन हेतु धान का नर्सरी 20 जुन को लगाया गया था। जिसका रोपाई मुख्य खेतों में 15-20 जुलाई के बीच किया गया। धान की रोपाई कतारों में उचित दुरी पर कतार से कतार की दुरी 20 से.मी. एवं पौध से पौध की दूरी 10 से.मी. में किया गया। वर्तमान में फसल 80 दिन की अवधि में बालियों के दानों में दुध भर कर दाने ठोस होने की अवस्था में है।
इस फसल में खरपतवार नियंत्रण हेतु 25-30 दिन रोपाई उपरान्त अंबिका पैडी विडर से यांत्रिक विधि से किया गया। यह किस्म दन्तेवाड़ा में बीज उत्पादन हेतु पहली बार लिया गया है जो कि मध्यम भूमि के लिए बहुत ही उपयुक्त है। इस किस्म की विशेषताएं मध्यम अवधि 105-120 दिनों में पक कर तैयारी हो जाती है। इसकी उत्पादन क्षमता 45-50 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होती है। इस किस्म को कम पानी की आवश्यकता होती है, नेक ब्लास्ट एवं पूर्ण सड़न हेतु प्रतिरोधी है। इस किस्म का धान मध्यम पतला दाना होता है। दन्तेवाडा के परिपेक्ष्य में यह किस्म मध्यम भूमि (टिकरा) हेतु अधिक पैदावार के लिये उपयुक्त है। इस किस्म की ऊंचाई मध्यम होती है। तना मजबुत होने के कारण तेज हवा में फसलों को गिरने से बच जायेगी।