रक्षा सचिव ने डीजी एनसीसी मोबाइल ट्रेनिंग एप 2.0 शुरू किया

रक्षा सचिव ने डीजी एनसीसी मोबाइल ट्रेनिंग एप 2.0 शुरू किया

नई दिल्ली : रक्षा सचिव डॉ. अजय कुमार ने 28 मई, 2021 को नई दिल्ली में महानिदेशालय राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) मोबाइल प्रशिक्षण एप वर्जन 2.0 की शुरुआत की। यह एप कोविड-19 महामारी की स्थिति के दौरान एनसीसी कैडेटों को देशव्यापी ऑनलाइन प्रशिक्षण आयोजित करने में सहायता करेगा। इसका उद्देश्य एनसीसी से संबंधित बुनियादी जानकारी और संपूर्ण प्रशिक्षण सामग्री (पाठ्यक्रम, सारांश, प्रशिक्षण वीडियो, अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न) को एक मंच पर उपलब्ध कराना है। यह एनसीसी कैडेटों को प्रशिक्षण सामग्री तक आसान पहुंच प्रदान करता है और महामारी के दौरान प्रशिक्षण देने में सहायता करता है।

इस अवसर पर रक्षा सचिव ने एनसीसी को कोविड-19 प्रोटोकॉल के अनुरूप ऑनलाइन मोड के माध्यम से अपने कैडेटों को प्रशिक्षण जारी रखने के लिए बधाई दी। उन्होंने आगे कहा कि एनसीसी प्रशिक्षण एप वर्जन 2.0 कैडेटों के लिए डिजिटल लर्निंग और शारीरिक संपर्क पर कोविड-19 प्रतिबंधों से उत्पन्न कठिनाइयों पर नियंत्रण पाने में उपयोगी होगा। इस एप का उपयोग करके, कैडेट ऑनलाइन प्रशिक्षण में हिस्सा ले सकेंगे, प्रमाणपत्र परीक्षाओं में शामिल हो सकेंगे और शैक्षणिक वर्ष के नुकसान को रोक पाएंगे। एप विकसित करने के लिए एनसीसी कर्मचारियों की सराहना करते हुए, डॉ. अजय कुमार ने कहा कि यह निश्चित रूप से प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के ‘डिजिटल इंडिया’ दृष्टिकोण के अनुरूप एनसीसी प्रशिक्षण के स्वचालन की दिशा में एक सकारात्मक कदम होगा।

डॉ. अजय कुमार ने कोविड-19 समय में डिजिटल तकनीक को जीवन रेखा करार देते हुए कहा कि अब यह एनसीसी कैडेटों के लिए जीवन का एक तरीका और प्रशिक्षण का तरीका है। उन्होंने सभी एनसीसी निदेशालयों में विभिन्न प्रकार के प्रणालियों की संख्या में वृद्धि सहित डिजिटल माध्यमों के जरिए कैडेटों को प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए रक्षा मंत्रालय के विभिन्न कदमों को सूचीबद्ध किया। उन्होंने कहा कि जल्द ही एनसीसी कैडेटों को सैटेलाइट इमेजरी और जीआईएस आधारित मैपिंग का प्रशिक्षण दिया जाएगा। डॉ. अजय कुमार ने आगे कहा कि वर्दी के लिए प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) जल्द ही उपलब्ध कराया जाएगा, जहां वर्दी भत्ते सीधे कैडेटों के बैंक खातों में स्थानांतरित किए जाएंगे।

रक्षा सचिव ने एनसीसी कैडेटों से #NCCforStatues के तहत देश की सेवा में अपने प्राणों की आहुति देने वाले सशस्त्र बलों के जवानों की प्रतिमाओं को अपनाने और उनकी देखभाल करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि यह शहीदों को उनके सर्वोच्च बलिदान के लिए एक उचित श्रद्धांजलि होगी। उन्होंने उन कैडेटों की भी प्रशंसा की, जिन्होंने पिछले साल कोविड-19 का मुकाबला करने में स्वेच्छा से सेवा की और पूर्व-एनसीसी योगदान में हिस्सा लिया और जो इस वर्ष भाग ले रहे हैं।

वहीं अपने स्वागत भाषण में एनसीसी के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल तरुण कुमार आइच ने कहा कि इस बात की एक जरूरत महसूस की गई थी कि मार्च 2020 में कोविड-19 के कारण प्रतिबंध लगाए जाने के बाद डिजिटल माध्यम का उपयोग करते हुए एनसीसी कैडेटों को प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए। रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने 27 अगस्त, 2020 को प्रशिक्षण के लिए डीजी एनसीसी मोबाइल एप वर्जन 1.0 को ऑनलाइन कैडेट प्रशिक्षण में सहायता के लिए शुरू किया था। एनसीसी के महानिदेशक ने कहा कि एप के कामकाज पर नियमित प्रतिक्रिया प्राप्त की गई थी, जिसके आधार पर इसे कैडेटों के लिए और अधिक उपयोगी बनाने के लिए वर्जन 2.0 में अपग्रेड किया गया था।

लेफ्टिनेंट जनरल तरुण कुमार आइच ने कहा कि डीजी एनसीसी मोबाइल प्रशिक्षण एप वर्जन 2.0 दोनों भाषाओं (हिंदी और अंग्रेजी) में होगा। इस एप पर नेविगेशन में आसानी के लिए नए पेज भी शामिल किए गए हैं। इसके अलावा सारांश और हिंदी में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न भी जोड़े गए हैं। एनसीसी के महानिदेशक ने आगे कहा कि कक्षाओं को और अधिक रोचक बनाने के लिए 130 प्रशिक्षण वीडियो भी शामिल किए गए हैं। वहीं एक सवाल विकल्प को शामिल करके एप को आपसी संवादात्मक बनाया गया है। एक कैडेट इस विकल्प का उपयोग करके प्रशिक्षण पाठ्यक्रम से संबंधित अपने सवाल कर सकता है और योग्य प्रशिक्षकों का एक पैनल इस सवाल का जवाब देगा।

इस कार्यक्रम के दौरान, एनसीसी कैडेटों ने एप के वर्जन 1.0 का उपयोग करने के अपने अनुभव भी साझा किए व एप की सेवाओं को और बेहतर बनाने के लिए सुझाव दिए। इसके अलावा उन्होंने इस चुनौतीपूर्ण समय में भी ऑनलाइन प्रशिक्षण आयोजित करने के लिए एनसीसी को धन्यवाद दिया।

देशभर के सभी 17 एनसीसी निदेशालयों के अधिकारियों और कैडेटों ने इस कार्यक्रम में वर्चुअल माध्यम के जरिए हिस्सा लिया। इस अवसर पर रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ नागरिक और सैन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।

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