मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि “हुनर हाट” “प्रतिभा के रक्षकों का कुंभ” बन गया है

मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि “हुनर हाट” “प्रतिभा के रक्षकों का कुंभ” बन गया है

नई दिल्ली : केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री श्री मुख्तार अब्बास नकवी ने आज यहां कहा कि हुनर हाट” “वोकल फॉर लोकल” अभियान को एक “जन आंदोलन” बनाने में “अभूतपूर्व और सही” भूमिका निभा रहा है।

श्री नकवी ने आज नई दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में आयोजित “हुनर हाट” में मीडियाकर्मियों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि “हुनर हाट” “प्रतिभा के रक्षकों का कुंभ” बन गया है।

श्री नकवी ने आगे कहा कि 20 फरवरी से शुरू हुए “हुनर हाट” में 12 लाख से अधिक लोग आ चुके हैं और स्वदेशी कारीगरों एवं शिल्पकारों के करोड़ों रुपये के हस्तनिर्मित उत्पादों को खरीदकर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के “वोकल फॉर लोकल” अभियान के “प्राउड प्रोमोटर” बन चुके हैं। उन्होंने बताया कि अगले दो दिनों में आगंतुकों की संख्या 16 लाख से अधिक हो सकती है। इस “हुनर हाट” का समापन 1 मार्च, 2021 को होगा।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 10 दिवसीय “हुनर हाट” का उद्घाटन रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने किया था। वहीं कई मंत्री, सांसद, वरिष्ठ सरकारी अधिकारी, विभिन्न राजनयिक और प्रसिद्ध उद्योगपति यहां कारीगरों एवं शिल्पकारों को प्रोत्साहित करने के लिए आ चुके हैं।

नई दिल्ली में आयोजित “हुनर हाट” में 31 से अधिक राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के 600 से अधिक कारीगर एवं शिल्पकार हिस्सा लिया है।
आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, चंडीगढ़, छत्तीसगढ़, दिल्ली, गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, झारखंड, कर्नाटक, केरल, लद्दाख, मध्य प्रदेश, मणिपुर, नागालैंड, ओडिशा, पुडुचेरी, पंजाब, राजस्थान, सिक्किम, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल आदि राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के कारीगरों एवं शिल्पकारों ने अपने उत्कृष्ट स्वदेशी हस्तनिर्मित उत्पादों के प्रदर्शन और बिक्री के लिए जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में आयोजित “हुनर हाट” में हिस्सा लिया।

श्री नकवी ने कहा कि उत्कृष्ट स्वदेशी हस्तनिर्मित उत्पादों जैसे; एप्लिक वर्क, सूखे फूल, जूट-केन, पीतल के उत्पाद, लकड़ी और मिट्टी के खिलौने, अजरख ब्लॉक प्रिंट, ब्लू आर्ट पॉटरी, पश्मीना शॉल, खादी उत्पाद, बनारसी सिल्क, लकड़ी के फर्नीचर, चिकनकारी कढ़ाई, चंदेरी सिल्क, लाख की चूड़ियां, राजस्थानी आभूषण, फुलकारी, तेल चित्रकारी, चमड़ा उत्पाद, खुर्जा पॉटरी, तमिलनाडु एवं कर्नाटक से चंदन की लकड़ी के सामान, पश्चिम बंगाल से जूट उत्पाद, कांच से निर्मित दुर्लभ प्राचीन वस्तुएं, चटाई और कालीन आदि “हुनर हाट” में बिक्री और प्रदर्शन के लिए उपलब्ध हैं।

श्री नकवी ने कहा कि आगंतुकों ने “बावर्चीखाना” सेक्शन में देश के प्रत्येक क्षेत्र के पारंपरिक व्यंजनों का आनंद लिया। इसके अलावा देश के जाने-माने कलाकारों जैसे; श्री विनोद राठौर (21 फरवरी), निजामी बंधु (24 फरवरी), श्री सुदेश भोंसले (26 फरवरी) और श्री कैलाश खेर (27 फरवरी) सहित अन्य द्वारा प्रतिदिन विभिन्न सांस्कृतिक एवं संगीत कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए।

श्री नकवी ने आगे बताया कि “हुनर हाट” ने अब तक 5.30 लाख से अधिक कारीगरों, शिल्पकारों एवं कलाकारों को रोजगार और रोजगार के अवसर प्रदान किए हैं। उन्होंने कहा कि केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय देश की आजादी के 75 साल पूरे होने पर 75 “हुनर हाटों” के माध्यम से 7.50 लाख कारीगरों एवं शिल्पकारों को रोजगार और रोजगार के अवसर प्रदान करेगा।

श्री नकवी ने बताया कि “हुनर हाट” वर्चुअल और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म http://hunarhaat।org पर उपलब्ध है। इसके अलावा जेम (गवर्नमेंट ई मार्केटप्लेस) पर भी देश एवं विदेश के लोग स्वदेशी कारीगरों और शिल्पकारों के उत्पादों को डिजिटल/ऑनलाइन खरीद सकते हैं।

अगला “हुनर हाट” भोपाल (12 से 21 मार्च, 2021), गोवा (25 मार्च से 4 अप्रैल), कोटा (9 अप्रैल से 18 अप्रैल), सूरत( 23 अप्रैल से 2 मई) में आयोजित किया जाएगा। इसके अलावा इस साल हैदराबाद, मुंबई, जयपुर, पटना, प्रयागराज, रांची, गुवाहाटी, भुवनेश्वर और जम्मू-कश्मीर आदि में भी “हुनर हाट” का आयोजन किया जाएगा।

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