नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने दिल्ली-एनसीआर में कोविड महामारी से निपटने के लिए एक साझा रणनीति पर ज़ोर दिया है। एनसीआर क्षेत्र में कोविड प्रबंधन की तैयारियों की समीक्षा के लिए आज नई दिल्ली में आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए श्री अमित शाह ने कहा कि एनसीआर की गहन नगर सरंचना को देखते हुए दिल्ली-एनसीआर के सभी संबन्धित निकायों को एकजुट होकर काम करने की जरूरत है। गृह मंत्री ने कहा कि कोरोना पर नियंत्रण के लिए कोविड पाजिटिव पाए गए लोगों की पहचान और इलाज के साथ ही अधिक से अधिक जांच करना आवश्यक है। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि इसके लिए मिशन मोड में काम करना होगा।
श्री अमित शाह ने कहा कि नीति आयोग के सदस्य डॉ वी के पाल की अध्यक्षता में गठित विशेषज्ञ समिति ने कोविड की जांच के लिए 2400 रुपये की दर निर्धारित की है और अगर उत्तरप्रदेश तथा हरियाणा में जांच दर इससे अधिक है तो दोनों राज्य सरकारें आंतरिक सलाह-मशविरे के बाद अपनी जांच दरें कम कर सकती हैं। श्री अमित शाह ने बैठक में बताया कि डॉ वी के पाल के नेतृत्व वाली कमेटी ने कोविड-19 बेड और उपचार की दरें तय की हैं और एनसीआर क्षेत्र के अस्पतालों में भी विचार-विमर्श के बाद इन दरों को लागू किया जा सकता है।
केंद्रीय गृह मंत्री ने यह भी कहा कि भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद(IC M R) द्वारा अनुमोदित नई रेपिड एंटीजेन प्रणाली से कोविड जांच करना बेहतर होगा इससे टेस्टिंग क्षमता बढ़ेगी और कोविड की जल्द पहचान तथा उपचार में मदद मिलेगी।
श्री अमित शाह ने उत्तरप्रदेश और हरियाणा सरकार के अधिकारियों को कोविड-19 बेड, वेंटिलेटर, आक्सीजन सिलेन्डर, आईसीयू और एंबुलेंस की उपलब्धता और 15 जुलाई 2020 तक इनकी संख्या बढ़ाने की योजना की जानकारी देने का निर्देश दिया ताकि कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में पूरे एनसीआर के लिए एक साझा रणनीति बनाई जा सके।
श्री अमित शाह ने एनसीआर के निकायों को कोविड से निपटने के उनके प्रयासों में केंद्र सरकार की तरफ से हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। बैठक में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के अलावा केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारी, दिल्ली, उत्तरप्रदेश और हरियाणा के मुख्य सचिव और दिल्ली-एनसीआर के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।