बिलासपुर। इस बार भाइयों की कलाई पर ईको फ्रेंडली राखियां दिखेंगी। सेंट्रल यूनिवर्सिटी के ग्रामीण एंड प्रौद्योगिकी विभाग के छात्रों द्वारा धान, चावल, सब्जियों के बीज और फोटो के साथ राखियां तैयार कर रहे हैं। इन राखियों की बिलासपुर के अलावा राज्य के दूसरे शहरों के साथ दिल्ली तक मांग है।
प्रतिदिन पढ़ाई के बाद 30 छात्रों ने दो घंटे धान, चावल सहित अन्य डिजाइन की राखियां बना रहे हैं। अभी तक छात्रों ने 12 हजार राखियां तैयार कर चुके हैं। अब छात्र कुलपति आलोक चक्रवाल के निर्देशन में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, शिक्षा मंत्री को भेज रहे हैं। छात्रों ने राखियों की पैकेजिंग गुजरात से करवाए हैं। सीयू के ग्रामीण एंड प्रौद्योगिकी विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ. दिलीप कुमार ने बताया कि अलग-अलग डिजाइन में हैं। डिजाइन के हिसाब से राखियां 20, 30, 35, 40 और 50 रुपए तक ही हैं। बाजार से कम कीमत पर उपलब्ध हैं। ग्राहक अपनी खुद की पसंद से अपनी फोटो वाली राखी भी बनवा सकता है। सेंट्रज यूनिवर्सिटी में धान व चावल से राखी तैयार करते छात्र।
लारेल्स फाउंडेशन द्वारा सीमा में तैनात सैनिकों के लिए रक्षासूत्र भेजा गया। इस कार्य में संगठन के एके कंठ, कुनाल केडिया, सात्त्विक सराफ, गीता दुबे, सविता गंधर्व, अंजली साहू, मेघा केडिया, सुदीप दुबे, मुकुल सिन्हा, उपमा अग्रवाल, प्रशांत सिंह, जिग्यासा सराफ आदि मौजूद रहे। जानकारी अध्यक्ष सपना सराफ ने दी।
देशभक्ति गीत गाते हुए तिलकनगर राजकिशोर नगर सरस्वती शिशु मंदिरों की छात्राओं ने 500 राखियां लिफाफे में बंद कर सैनिकों के लिए भेज दी हैं। यह कार्य व्यवस्थापक डॉ. भुवन सिंह राज, सहव्यवस्थापक बैजनाथ राय, अध्यक्ष डॉ. शिवशंकर दुबे, नेतराम सैनिक के निर्देशन में हुआ। प्राचार्य द्वय राकेश पांडेय और लक्ष्मीकांत मजूमदार, प्रधानाचार्य शिवराम चौधरी ने प्रेरित किया। शिक्षिका अर्चना मजूमदार, सीमा दुबे, निधि अवस्थी शामिल रहे।