भिलाई। रोबोट के जरिए घुटने और हिप की रिप्लेसमेंट सर्जरी की जा रही है। आर्थोपैडिक सर्जन और रोबोटिक जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जन डॉ. अभिषेक भनोटिया ने बताया कि छत्तीसगढ़ में पहली बार ऐसा हो रहा है, जब कोई विदेशी रोबोट द्वारा नी और हिप रिप्लेसमेंट किया जाएगा। यह पद्धति काफी सुरक्षित और आसान है।
इसमें जिस मशीन का इस्तेमाल किया जा रहा है वो एक यूएस मेड रोबोट है। इसे स्विटजरलैंड की कंपनी ने बनाया है। रायपुर में भी रोबोटिक सर्जरी है, लेकिन वो इंडियन मेड रोबोट के जरिए की जा रही है। इपोर्टेड यूएस मेड रोबोट से भिलाई में पहली बार यह सर्जरी शुरू की जा रही है।
डॉ. दीपक वर्मा ने बताया कि छत्तीसगढ़ में पहली बार रोबोटिक सर्जरी की शुरुआत हो रही है। पहली बार इतनी एडवांस के द्वारा सर्जरी लेकर आया है। इससे जो लोग नी रिप्लेसमेंट के लिए दूसरे राज्य जाते हैं, अब वो यहीं इलाज करा पाएंगे। इससे लोगों को परेशानी कम होगी और साथ ही साथ खर्च में भी कमी आएगी।
रोबोटिक सर्जरी के हैं कई लाभ
डॉ. अभिषेक भनोटिया ने बताया कि रोबोटिक सर्जरी के कई लाभ हैं। इस सर्जरी के बाद रिकवरी काफी फास्ट होती है। मरीज एक हफ्ते से 15 दिन में पूरी तरह से रिकवर होकर चलने लग जाता है। रोबोटिक सर्जरी में बोन डैमेज कम होती है। पहले डॉक्टर कनवेंसनल नी रिप्लेसमेंट करते थे। इसमें 4 एमएम बोन काटना होता था तो कई बार 6 एमएम बोन कट जाती थी।
रोबोटिक्स सर्जरी में ऐसा नहीं होता है। सर्जरी के दौरान ही कंप्यूटर ये बता देगा कि किस साइज में किस जगह की कितनी बोन कटानी है। इसके बाद में रोबोट उसी साइज में बोन को कट करके नी रिप्लेस करता है। इस सर्जरी में दर्द भी कम होता है।
कनवेंसनल सर्जरी से अधिक आता है खर्च
डॉक्टर पहले कनवेंसनल सर्जरी करते थे। इसमें रोबोटिक सर्जरी से कम खर्च आता था, लेकिन यह सुरक्षित कम होती थी। रोबोटिक सर्जरी एक नई इनोवेशन है। इसमें सामान्य सर्जरी से 80-90 हजार दोनों और सिंगल नी में 50 हजार महंगी है। लेकिन इसके लाभ उससे कहीं अधिक हैं।