बच्चों की मौत पर सियासी बवाल,पूर्व मंत्री केदार बोले- आदिवासी इलाके के 25 हजार बच्चों की जान गई…

रायपुर। प्रदेश में 25 हजार बच्चों की मौत के दावे के साथ पूर्व मंत्री केदार कश्यप ने कांग्रेस को घेरा है। अब मामले पर सियासी बहस शुरू हो गई है। पूर्व मंत्री का दावा हैरान करने वाला है। दूसरी तरफ कांग्रेस ने इस दावे को सिरे से खारिज कर दिया है। इस मुद्दे को दोनों ही पार्टियां आदिवासियों पर अत्याचार से जोड़कर एक दूसरे पर इल्जाम लगा रही हैं। दूसरी तरफ 25 हजार बच्चों की मौत के दावे के पीछे की कहानी एक साल पुरानी है जो अब एक बार फिर अचानक सियासी माहौल में बहस की वजह बन चुकी है।

पिछली भाजपा सरकार में मंत्री रहे बस्तर के नेता केदार कश्यप ने दावा किया है कि कांग्रेस के शासन में 25,000 से अधिक बच्चों की मौत इलाज के अभाव में हो गई, जिसमें ज्यादातर बच्चे आदिवासी थे। यह सीधे तौर पर ह्त्या जैसा है जिसकी पूरी जिम्मेदारी कांग्रेस सरकार की है। कश्यप ने पूछा कि इन हत्याओं की जिम्मेवारी लेते हुए कांग्रेस कब माफी मांगेगी? उन्होंने कहा कि ऐसे सभी परिवारों को मुआवजा देते हुए हाथ जोड़ कर कांग्रेस को अपनी विफलता के लिए माफी मांगनी चाहिए।

केदार कश्यप ने कहा आज कांग्रेस के शासन में आदिवासी अंचल के इलाकों में जनता बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रही है। इलाज के अभाव में छोटी-छोटी बीमारियों से लोगों की जान जा रही है। कांग्रेस की सरकार ने आदिवासियों का आवास छीना, घरों में नल नहीं लगने दिए, भाजपा सरकार द्वारा आदिवासियों के लिए चलाई जा रही सारी योजनाएं बंद कर दी गई, तेंदूपत्ता संग्राहक बिना चप्पल पैदल चलकर अपना तेंदूपत्ता महाराष्ट्र ले जाकर बेचने को मजबूर हैं। कांग्रेस की सरकार ने उनका रोजगार भी छीन लिया है।

ओम माथुर के बस्तर दौरे के दौरान पूर्व मंत्री केदार कश्यप ने कांग्रेस पर आरोप लगाए। - Dainik Bhaskar

पूर्व मंत्री की ओर से दिए गए इस बयान में कहा गया है कि आदिवासियों के पास संस्कृति ही बची थी कांग्रेस उसे भी छीन रही है। आदिवासियों का धर्मांतरण हो रहा है और जो लोग अपनी संस्कृति को बचाने के लिए धर्मांतरण का विरोध कर रहे हैं उन्हें जेल में ठूंसा जा रहा है। आदिवासी समाज अपने साथ हो रहे प्रत्येक अन्याय का जवाब कांग्रेस को देने के लिए तैयार है। दरअसल केदार की ओर से ये बयान भाजपा प्रदेश प्रभारी ओम माथुर के बस्तर दौरे के बीच आया, क्योंकि कांग्रेस माथुर के बस्तर दौरे का विरोध कर रही थी।

कांग्रेस ने दिया जवाब
इस मामले में कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि रमन सरकार आदिवासियों की जमीन छीन रही थी। उन्हें जेल में बंद कर रही थी। तब केदार कश्यप मौन क्यों थे। झूठे और आधारहीन आरोप लगाकर केदार कश्यप भाजपा सरकार में हुए आदिवासियों पर अत्याचार के पाप से बच नहीं सकते। पूर्व मंत्री केदार कश्यप 25000 बच्चों की मौत की झूठी कहानी गढ़कर आधारहीन आरोप लगाकर रमन सरकार के दौरान आदिवासियों के ऊपर हुए अत्याचार और उनके कानूनी अधिकार का हनन करने के पाप से बच नहीं सकते।

धनंजय ने दावा किया है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार में बस्तर में स्वास्थ्य सेवाएं मजबूत हुई हैं। मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लीनिक से लगभग एक करोड़ लोगों को स्वास्थ्य की निशुल्क सेवाएं मिली है। मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान से बस्तर की महिलाएं और बच्चे कुपोषण और एनीमिया से मुक्त हो रहे हैं। मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान से मलेरिया जैसी बीमारियों से मुक्ति मिली। रमन सरकार के दौरान जहां मामूली बीमारियों से मौतें होती थी आज उससे बस्तर मुक्त हुआ है।

कांग्रेस प्रवक्ता ने आदिवासी बच्चों की मौत के दावे को झूठी कहानी बताया।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि रमन सरकार के दौरान आदिवासियों पर अत्याचार हुए, आदिवासी बेटियों के साथ बलात्कार की घटनाएं हुई है 700 से अधिक गांव को जला दिया गया था। यहां के निवासी बस्तर छोड़ने को मजबूर हुए, 35 हजार से अधिक आदिवासी बेटियां गायब हुई, रमन सरकार के दौरान जो दंतेवाड़ा में जमीन का घोटाला हुआ, झलियारीमारी कांड, पेदगुल्लर कांड, सारखीगुला कांड, मीना खलको कांड के लिए ओम माथुर सहित भाजपा के तमाम बड़े नेताओं को माफी मांगनी चाहिए।

25 हजार बच्चों की मौत आंकड़ा कहां से आया
पिछले साल 2022 फरवरी के महीने में ये आंकड़ा सांसद रहे नेता रामविचार नेताम की ओर से दिया गया था। तब रायपुर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस लेकर नेताम ने कहा था- कि बीते तीन सालों में 25 हजार 164 आदिवासी बच्चों की बीमारियों में जान गई है। इसी दौरान 955 आदिवासी महिलाओं ने प्रसव के दौरान दम तोड़ा है। ये आंकड़ा केंद्र सरकार ने राज्यसभा में दिया था। हालांकि तब ही इसे कांग्रेस सरकार के मंत्री रविंद्र चौबे फर्जी आंकड़ा बता रहे थे।

पूर्व सांसद नेताम ने संसद की रिपोर्ट का हवाला देकर कहा था कि मरने वालों में 13 हजार से अधिक नवजात शिशु और 3 हजार 800 से अधिक छोटी-छोटी बच्चियां शामिल थीं। इनमें से अधिकांश की मौत निमोनिया, खसरा और डायरिया जैसे आजकल मामूली समझी जाने वाली बीमारियों के कारण हुई है। इस पर कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा था कि राम विचार नेताम के आरोप निराधार हैं। ये आंकड़े सही हो नहीं सकते। इन आकड़ों का स्रोत भाजपा है। कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा था कि भाजपा संसद के मंच का दुरुपयोग कर रही है।

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