संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) सिविल सर्विस एग्जाम में सिलेक्शन का दावा करने वाले दो उम्मीदवारों की मुसीबत बढ़ सकती है। आयोग इन पर क्रिमिनल और डिस्प्लिनरी एक्शन लेने का विचार कर रहा है। मध्यप्रदेश के आलीराजपुर जिले की आयशा मकरानी और रेवाड़ी के तुषार का नाम शामिल है।
23 मई को सिविल सर्विस एग्जाम का रिजल्ट डिक्लेयर हुआ था, जिसमें मध्यप्रदेश की आयशा मकरानी ने 184वीं रैंक पाने का दावा किया था। जबकि तुषार ने 44वीं रैंक पाने का दावा किया था।
आयोग ने कहा- सिस्टम फुलप्रूफ, गलतियां संभव नहीं
आयोग ने शुक्रवार को जारी बयान में कहा गया है कि दोनों के दावे फर्जी हैं। उन्होंने अपने दावों को साबित करने के लिए अपने पक्ष में फर्जी दस्तावेज तैयार किए हैं। ऐसा करके मकरानी और तुषार दोनों ने सिविल सेवा परीक्षा के नियमों का उल्लंघन किया है। इसलिए उन पर एक्शन लिया जाएगा। यूपीएससी सिस्टम मजबूत होने के साथ-साथ फुलप्रूफ भी है और ऐसी गलतियां संभव नहीं हैं।
ये था मध्यप्रदेश की आयशा की 184वीं रैंक का मामला
देवास की आयशा फातिमा और आलीराजपुर की आयशा मकरानी के एडमिट कार्ड में एक ही रोल नंबर 7811744 दर्ज है। दोनों को एक ही रोल नंबर जारी होना बड़ा सवाल है। हालांकि दोनों का ही दावा है कि उन्होंने परीक्षा और इंटरव्यू दिया था। ये गफलत सामने आने के बाद आलीराजपुर जिले की आयशा मकरानी के पिता सलीमुद्दीन ने कहा था कि हम यूपीएससी में बात कर रहे हैं। मामले में हम शिकायत भी दर्ज कराएंगे।
आयशा मकरानी के केस में यह कहा गया है कि आयशा मकरानी के डॉक्यूमेंट्स फर्जी हैं। उसका असली रोल नंबर 7805064 है। आयशा ने पेपर- I में 22.22 और पेपर- II में 21.09 मार्क्स हासिल किए थे।
पहले देखिए दोनों कैंडिडेट्स के एडमिट कार्ड…
देवास की आयशा फातिमा का एडमिट कार्ड
एक तारीख पर हुआ इंटरव्यू, लेकिन एडमिट कार्ड में मामूली फर्क दिखा
दोनों कैंडिडेट मध्य प्रदेश से हैं। देवास की आयशा फातिमा के एडमिड कार्ड पर इंटरव्यू की तारीख 25 अप्रैल और दिन मंगलवार लिखा है। आलीराजपुर की आयशा मकरानी के एडमिट कार्ड पर भी तारीख 25 अप्रैल ही है, लेकिन दिन गुरुवार लिखा है। जबकि 25 अप्रैल को मंगलवार था।
आयशा फातिमा के एडमिट कार्ड पर यूपीएससी का वाटर मार्क और क्यूआर कोड है। क्यूआर कोड स्कैन करने पर वही जानकारी सामने आ रही है, जो एडमिट कार्ड पर दर्ज है। आयशा मकरानी के एडमिट कार्ड पर ना तो वाटर मार्क है और ना ही क्यूआर कोड।
इसके अलावा, देवास की आयशा फतिमा, जिनके पिता का नाम नजीरुद्दीन है। दूसरा परिवार आलीराजपुर जिले की आयशा मकरानी पिता सलीमुद्दीन हैं।
अब जानिए क्या था 44वीं रैंक वाले तुषार का मामला
44वीं रैंक पाने वाले तुषार कुमार नाम के दो अभ्यर्थियों के बीच विवाद हो गया। एक हरियाणा के रेवाड़ी जिले के रहने वाले तुषार है तो दूसरे बिहार के भागलपुर निवासी तुषार कुमार है। दोनों के एडमिट कार्ड में रोल नंबर भी सेम है। दोनों 44वीं रैंक पर खुद का दावा कर रहे है। भागलपुर के तुषार कुमार ने दूसरे तुषार कुमार के एडमिट कार्ड को फर्जी करार दिया है।
इसके साथ ही बिहार के कैमूर (भभुआ) के एसपी को इसकी शिकायत भी दर्ज कराई गई है। वहीं दूसरी तरफ रेवाड़ी निवासी तुषार कुमार इस पूरे मामले को क्लियर करने के लिए गुरुवार को दिल्ली स्थित यूपीएससी के मुख्यालय में पहुंचे है।
आयोग के मुताबिक हरियाणा के रेवाड़ी के बृजमोहन के बेटे तुषार का रोल नंबर 2208860 था। उसे पेपर-1 में -22.89 नंबर और पेपर-2 में 44.73 नंबर मिले थे। इसलिए बिहार के अश्विनी कुमार सिंह के बेटे तुषार कुमार को ही 44वीं रैंक मिली है।