छतीसगढ। विधानसभा चुनाव की तैयारी के साथ ही रायपुर में बड़ी संख्या में नए वोटर आईडी कार्ड बनना शुरू हो गए। डेढ़ महीने में केवल रायपुर शहर के 4 विधानसभा क्षेत्रों से 10 हजार से ज्यादा लोगों ने नए वोटर आईडी के लिए एप्लाई कर दिया है। प्रशासन ने साफ किया है कि यह कार्ड लोगों को हाथों-हाथ नहीं दिए जाएंगे, जैसी चर्चा है। बल्कि केंद्र सरकार के नए नियम के तहत नए वोटर आईडी कार्ड सीधे लोगों के घरों में भेजे जाएंगे। यही नहीं, प्रशासन के अफसरों के पास भी पुख्ता सूचना नहीं होगी कि किस आवेदक का कार्ड किस स्टेज पर है और कब तक घर पहुंचेगा।
नए वोटर आईडी या सुधार के लिए भरा जाने वाला ऑनलाइन फॉर्म सीधे दिल्ली में चेक किया जा रहा है। वहीं से नया वोटर आईडी जारी किया जा रहा है। यह इस कार्ड को प्रशासन के उप जिला निर्वाचन अधिकारी के पास भेजा जाता है। कार्ड की ऑनलाइन इंट्री के बाद इसे डाक विभाग को सौंप दिया जाता है। डाक से ही नया कार्ड लोगों के घरों तक पहुंच रहा है। इस दौरान किसी को भी कलेक्टोरेट या तहसील से कार्ड नहीं दिया जा रहा है। जो लोग पूछताछ के लिए आते हैं उनसे भी कहा जा रहा है कि वे परेशान न हो कार्ड सीधे उनके घर पहुंचेगा।
नया कार्ड निशुल्क, https://www.nvsp.in/ पर खुद भर सकते हैं प्रारूप-6, ऑफलाइन फॉर्म तहसील से, वहीं जमा
देश के किसी भी राज्य में रहने वाला 18 साल का कोई भी भारतीय नागरिक नया वोटर आईडी कार्ड बनाने के लिए https://www.nvsp.in/ पर ऑनलाइन प्रारूप-6 भरना होगा। इसमें जरूरी दस्तावेज भी अपलोड करने होंगे। इसके अलावा ऑफलाइन नया कार्ड बनवाने के लिए दो प्रतियों में प्रारूप-6 भरना होगा। यह प्रारूप निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी/ सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी और बूथ स्तर अधिकारियों के कार्यालयों में भी निशुल्क उपलब्ध है। इसका प्रिंट ऑनलाइन भी लिया जा सकता है। प्रारूप के संबंधित दस्तावेज लगाकर तहसील कार्यालय में जमा करवा दें। ऑनलाइन और ऑफलाइन आवेदन में किसी तरह की दिक्कत आ रही हो तो मदद के लिए टोल फ्री नंबर 1950 पर भी कॉल भी कर सकते हैं।
ड्राइविंग लाइसेंस जैसा है कार्ड
नया वोटर आईडी कार्ड बिल्कुल नए ड्राइविंग लाइसेंस की तरह दिखता है। इसमें कई बदलाव किए गए हैं। लाइसेंस की तरह इसमें भी एक चिप लगा हुआ है। कार्ड में एक क्यूआर कोड जैसा दिखता है। इसे वोटर हेल्पलाइन एप से स्कैन करने पर मतदाता की पूरी जानकारी स्क्रीन पर आ जाएगी, जैसे नाम-पता, माता-पिता का नाम, उम्र, लिंग, विधानसभा, बूथ, परिचय पत्र क्रमांक और फोटो आदि।
दिक्कत भी… एक माह में घर पहुंच रहे हैं कार्ड
केंद्रीय एजेंसी का दावा था कि ऑनलाइन आवेदन के बाद अधिकतम एक हफ्ते में नया वोटर आईडी कार्ड घर पहुंच जाएगा। लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। भास्कर की ड़ताल में यह बात सामने आई कि कार्ड घर आने में एक-एक महीना लग रहा है। लोग प्रशासन के अफसरों से संपर्क करते हैं तो वे विवशता जता देते हैं कि कार्ड दिल्ली से बनकर आ रहे हैं, इसलिए वे कुछ नहीं कर सकते। आम लोग ही नहीं, निर्वाचन कार्य से जुड़े अफसरों के कार्ड भी एक-एक माह में नहीं पहुंच पाए हैं। एक दिक्कत यह भी है कि घर के एड्रेस में थोड़ी भी कमी-बेशी रहे तो कार्ड नहीं पहुंच पा रहे हैं। डाक विभाग वाले ऐसे कार्ड को वापस एजेंसी को लौटा रहे हैं। बाद में कार्ड में दर्ज नंबर पर कार्ड कलेक्ट करने के लिए फोन आ रहे हैं।
दिल्ली से बनकर आ रहे हैं कार्ड
नए वोटर आईडी कार्ड अब सीधे दिल्ली से बनकर आ रहे हैं। डाक वाले लोगों के सीधे घरों में पहुंचाकर दे रहे हैं।