दंतेवाड़ा। नक्सली हमले में 10 पुलिसकर्मी शहीद हो गए। ये जवान डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड (DRG) यूनिट के थे। इनके अलावा इनकी गाड़ी के ड्राइवर की भी हमले में मौत हुई है। इनकी टीम बारिश में फंसे सुरक्षा बलों को रेस्क्यू करने जा रही थी। इसी दौरान नक्सलियों ने IED ब्लास्ट में पुलिसकर्मियों का वाहन उड़ा दिया। न्यूज एजेंसी के मुताबिक 50 किलो विस्फोटक से ब्लास्ट किया गया।
हमला दंतेवाड़ा जिले के अरनपुर थाना क्षेत्र में अरनपुर-समेली के बीच हुआ। सूत्रों के मुताबिक यहां पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई। इसी दौरान नक्सलियों ने वाहन पर बम भी फेंका। IG सुंदरराज पी ने कहा- मौके पर सीनियर ऑफिसर्स भेजे गए हैं। इलाके में सर्चिंग ऑपरेशन जारी है।
नक्सली हमले में शहीद होने वालों में प्रधान आरक्षक जोगा सोढ़ी, मुन्ना राम कड़ती, संतोष तामो, नव आरक्षक दुल्गो मण्डावी, लखमू मरकाम, नव आरक्षक जोगा कवासी, नव आरक्षक हरिराम मण्डावी, गोपनीय सैनिक राजू राम करटम, जयराम पोड़ियाम जगदीश कवासी और गाड़ी के ड्राइवर धनीराम यादव शामिल हैं।
नक्सलियों का हमले के लिए कैंपेन चल रहा
बस्तर में नक्सलियों का TCOC (टैक्टिकल काउंटर अफेंसिव कैंपेन) चल रहा है। नक्सली इस दौरान अक्सर कई बड़ी घटनाओं को अंजाम देते हैं। TCOC को देखते हुए फोर्स भी अलर्ट मोड पर है। बस्तर के सभी जिलों में जवानों को सर्चिंग के लिए भेजा जा रहा है।
5 दिन पहले नक्सली कैंप ध्वस्त किया था
5 दिन पहले सुकमा जिले में सुरक्षाबलों ने नक्सलियों का कैंप ध्वस्त कर दिया था। भारी मात्रा में विस्फोटक समेत नक्सलियों के दैनिक उपयोग का सामान बरामद किया गया था। बताया जा रहा है कि इस कैंप में करीब 25 से 30 की संख्या में नक्सली मौजूद थे। जवानों के आने की खबर मिलते ही सभी नक्सली भाग गए।
PM-CM ने दुख जताया, बघेल ने कहा- नक्सलियों को बख्शेंगे नहीं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा- दंतेवाड़ा में छत्तीसगढ़ पुलिस पर हुए हमले की कड़ी निंदा करता हूं। हम हमले में शहीद हुए बहादुर जवानों को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। उनके बलिदान को हमेशा याद रखा जाएगा। शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी संवेदनाएं।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने हमले पर दुख जताया है। कहा- शहीदों के परिवारों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं। नक्सलियों को बख्शा नहीं जाएगा। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को हर संभव सहायता देने की बात कही है।
दो ट्रेनें रद्द
बस्तर में किरंदुल-विशाखापट्टनम पैसेंजर और नाइट एक्सप्रेस ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है। ये दोनों यात्री ट्रेनें आज दंतेवाड़ा से आगे किरंदुल नहीं जाएगी। हालांकि किरंदुल से लौह अयस्क लेकर विशाखापट्टनम तक मालगाड़ियों की आवाजाही बरकरार रहेगी। ईको (ईस्ट कोस्ट) रेलवे मंडल ने यात्री ट्रेनों को लेकर आदेश जारी किया है।
एक हफ्ते पहले विधायक के काफिले पर हमला हुआ था
बीजापुर से कांग्रेस विधायक विक्रम मंडावी के काफिले पर एक हफ्ते पहले नक्सलियों ने हमला किया था। जिस वाहन में जिला पंचायत सदस्य पार्वती कश्यप बैठीं थीं, उस वाहन पर गोलियां लगी थीं। सभी सुरक्षित हैं। विधायक विक्रम मंडावी, जिला पंचायत सदस्य समेत कांग्रेसी नेता गंगालूर गए हुए थे। यहां मंगलवार को साप्ताहिक हाट बाजार में नुक्कड़ सभा का आयोजन किया गया था। वहां से लौटते वक्त पदेड़ा गांव के नजदीक नक्सलियों ने चलते वाहनों पर फायरिंग की थी।
2 साल पहले जवानों पर BGL दागा था, 22 जवान शहीद हुए थे
3 अप्रैल 2021 को बीजापुर जिले के तर्रेम थाना क्षेत्र के टेकलगुड़ा में हुई मुठभेड़ में 22 जवान शहीद और 35 से ज्यादा घायल हुए थे। इन पर 350 से 400 नक्सलियों ने हमला किया था। इनमें माओवादियों के बड़े कैडर्स के लीडर भी मौजूद थे। जवानों पर भारी मात्रा में BGL (बैरल ग्रेनेड लॉन्चर) दागा गया था। साथ ही DRG, CRPF, कोबरा बटालियन के जवानों से हथियार भी लूट कर ले गए थे।
कोबरा के एक जवान राकेश्वर सिंह मन्हास का अपहरण किया गया था। जवान के पास से भी हथियार लूट लिए थे। इस मुठभेड़ में नक्सलियों ने अपने TCOC के दौरान वारदात को अंजाम दिया था। बाद में जवान राकेश्वर सिंह को नक्सलियों ने रिहा कर दिया था।
7 दिन पहले IG ने जताई थी हमले की आशंका: पता था अटैक हो सकता है, झीरम से लेकर जवानों पर बड़े हमले गर्मियों में ही
बस्तर IG सुंदरराज पी ने 20 अप्रैल को कहा था- हर साल गर्मी के मौसम में नक्सलियों की हिंसक घटनाएं बढ़ जाती है, सुरक्षाबलों पर हमला करना और हिंसात्मक गतिविधियां की जाती हैं। 2022 में नक्सली कोई बड़ी घटना को अंजाम नहीं दे पाए, 2023 में भी हम उनकी साजिश को नाकाम करेंगे।
2008 में हुई थी शुरुआत
करीब 40 हजार वर्ग मीटर क्षेत्र में फैले बस्तर क्षेत्र के सभी जिलों में नक्सलियों से मुकाबले के लिए डीआरजी के गठन की शुरुआत 2008 में हुई थी। सबसे पहले कांकेर और नारायणपुर जिलों में नक्सल विरोधी अभियान में इसे शामिल किया गया। 2013 में बीजापुर और बस्तर में इसका गठन हुआ। 2014 में सुकमा और कोंडागांव के बाद 2015 में दंतेवाड़ा में यह अस्तित्व में आया।