नर्सिंग स्टूडेंट कि रोला देने वाली सुसाइड नोट, जानिए कोय था उस नोट में लिखा

नर्सिंग स्टूडेंट कि रोला देने वाली सुसाइड नोट, जानिए कोय था उस नोट में लिखा

इंदौर के महाराजा रणजीत सिंह हॉस्टल में रहने वाली 20 साल की नर्सिंग स्टूडेंट ने सुसाइड कर लिया। उसने दो पन्नों का सुसाइड नोट छोड़ा। वह अपने दोस्त की मौत से दुखी थी। छात्रा ने लिखा कि सोम (दोस्त) उसे हर रात सपने में आता है। वह उसे कभी भूल नहीं पाएगी। सोम झालावाड़ में ही रहता था। उसकी कुछ दिन पहले सड़क हादसे में मौत हो चुकी है। इस बात का छात्रा को गहरा सदमा पहुंचा था।

सुसाइड नोट से पहले प्रिया की डिटेल जान लें…

भंवरकुआ TI शशिकांत चौरसिया के मुताबिक मृतक छात्रा का नाम प्रिया (20) पुत्री आंनद विश्वास निवासी झालावाड़ राजस्थान है। प्रिया सात माह पहले इंदौर पढ़ने आई थी। शनिवार दोपहर से अपने कमरे से बाहर नहीं निकली। वह फोन भी नहीं उठा रही थी। इसके चलते इसी दिन देर शाम को उसकी सहेलियां हॉस्टल में उसके रूम में पहुंची।

यहां उन्होंने प्रिया को फंदे पर लटके देखा। बाद में हॉस्टल से मिली जानकारी के बाद पिता को झालावाड़ में कॉल कर जानकारी दी गई। प्रिया के परिवार में उसकी एक बहन और भाई है। प्रिया ने सुसाइड नोट लिखा है। उसने माता-पिता, बहन-भाई से माफी मांगी है। वहीं दोस्त सोम का जिक्र किया है।

क्या लिखा सुसाइड नोट में

मैं प्रिया विश्वास, आई लव यू मम्मी, पापा, दीदी और माय लिटिल ब्रदर आयुष। मैं सोम को बहुत प्यार करती हूं। सोम के बिना मुझसे नहीं रहा जा रहा। सोम से मिले बिना में नहीं रह पा रही। मुझे सोम चाहिए। आप सब लोग मुझे बहुत बेवकूफ बोल रहे होंगे। और बोलेंगे भी। क्योंकि मैं बहुत बड़ी गलती कर रही हूं। गलती नहीं गुनाह कर रही हूं, लेकिन अब मुझसे नहीं रहा जा रहा।

मेरे जाने के बाद दीदी तुझसे एक चीज बोलनी है कि तू मेरे लिए रोती मत रहना। तेरा और कीर्ति दीदी का इस बार पक्का सिलेक्शन होगा। बस तू पढ़ाई में ध्यान देना और मम्मी-पापा का अच्छे से ध्यान रखना। तू अगर रोई तो सबको कौन संभालेगा। मैं आज तक बोल नहीं पाई आई लव यू दीदी। आई लव यू मम्मी। आई लव यू पापा। आप हमेशा हंसते रहना आपकी हंसी मुझे बहुत अच्छी लगती है। तो प्लीज हंसते ही रहा करो और मम्मी आप तो जान हो मेरी। आपकी आंखें मुझे अच्छी लगती हैं। तो रोया मत करो प्लीज। मेरे लिए भी मत रोना ज्यादा। वैसे भी घर में तीन बच्चे हैं तो एक के जाने से इतना फर्क नहीं पड़ना चाहिए। और मैंने तो आपकी बेटी होने का कोई अच्छा काम नहीं किया। आप लोगों को कभी प्राउड फील नहीं कराया। मैं सबसे गंदी बेटी और बहन बनी हूं।

सॉरी यार आपको छोड़कर जा रही हूं…

मुझमें जीने की और हिम्मत नहीं रही। सोम मेरे रोज सपने में आता है। सोम की कमी कोई पूरी नहीं कर सकता। सबका कहना आसान है- उसे भूल जा, लेकिन कोई मेरी जगह खुद को रखकर देखो। नकली हंसी हंस-हंस कर थक गई मैं। अब और नाटक नहीं होता। नहीं छिपा पा रही अपना दर्द अपने अंदर। बप्पा की कृपा से अब खत्म हो जाऊं। इस जालिम दुनिया में अब मुझे नहीं आना। फैमिली को किसी को मत बताना कि मैं खुद से मजबूर हूं…! जिया को बोलना वह ज्यादा ना रोए, मुझे अच्छा नहीं लगेगा।

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