मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले की पुलिस इन दिनों 5 भैंसों की देखभाल में जुटी हुई है। पोंडी थाने की नागपुर हाईवे चौकी पुलिस ने 5 दिन पहले पशु तस्करों को गिरफ्तार कर उनके पास से इन्हें छुड़ाया था। अब ये पांचों चौकी में बंधी हुई हैं, जो पुलिसवालों के लिए भी मुसीबत बन गई हैं।
जानवरों की देखभाल का जिम्मा पुलिस वालों का है। इन्हें पानी पिलाने से लेकर चारा खिलाने तक के लिए जवानों की ड्यूटी लगाई गई है। ASP निमेष बरैया ने बताया कि 1 मार्च को नागपुर चौकी पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली थी कि कुछ लोग एक गाड़ी में भैंसों को भरकर कहीं ले जाने की फिराक में हैं। जिसकी सूचना पर पुलिस ने टीम बनाकर ग्राम सरभोका तिराहे के पास संदिग्ध गाड़ी को रोका।
पिकअप की तलाशी लेने पर इसमें 5 भैंसें बंधी हुई मिलीं। आरोपी भैंसों के परिवहन या खरीद-बिक्री से संबंधित कोई दस्तावेज नहीं दिखा सके। इसके बाद 2 आरोपियों के कब्जे से इन्हें छुड़ा लिया गया। दोनों आरोपियों ने पुलिस को बताया कि मवेशियों को काटने के लिए बूचड़खाने ले जाया जा रहा था। पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों में से एक झारखंड राज्य का रहने वाला है।
जिले के एडिशनल एसपी निमेष बरैया ने बताया कि भैंसों के मालिक की तलाश जारी है।
मवेशी को लेकर जा रहे पिकअप वाहन को जब्त कर लिया गया है। पांचों भैंस की कुल कीमत लगभग 1 लाख रुपए बताई जा रही है। आरोपियों के खिलाफ थाना पोड़ी में पशु क्रूरता अधिनियम की धारा 4,6, पशु परिरक्षण अधिनियम 11(1)(D) के तहत गिरफ्तारी करते हुए उन्हें कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
1 मार्च को छुड़ाई गई थी भैंसें, तब से सेवा टहल में लगे पुलिस जवान
पुलिस चौकी में बंधी अब यही भैंस पुलिस के लिए मुसीबत का सबब बनी हुई है। वैसे भी नवगठित जिला मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर के सभी थानों और चौकियों में पुलिस बल की कमी है, ऐसे में हर दिन एक पुलिस जवान की ड्यूटी भैंसों की देखरेख के लिए लगाई गई है। पुलिस का एक जवान डिब्बों में पानी भरकर भैंसों को पानी पिलाता है, तो कभी चारे की व्यवस्था कर भैंस को चारा खिलाता है।
भैंसों के मालिक की तलाश जारी
जिले के एडिशनल एसपी निमेष बरैया ने बताया कि भैंसों के मालिक की तलाश जारी है। जैसे ही कोई जानकारी मिलेगी, भैंसें उनके सुपुर्द कर दी जाएंगी। अगर मालिक नहीं मिलते हैं, तो भैंसों को सरपंच को सौंपकर गांव के गौठान में छोड़ा जाएगा, जहां उनकी देखभाल की जाएगी।