राष्ट्रीय किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि, बस्तर के नगरनार स्टील प्लांट को सरकार ने ही लगाया और अब सरकार ही बेच रही है। किसान इसी का विरोध कर रहे हैं। किसानों की मांग है कि इस प्लांट में उनके लोगों को नौकरी दी जाए। यदि प्लांट को प्रॉफिट के लिए बेचा जा रहा है तो उसमें जितना प्रॉफिट होगा उसका कुछ हिस्सा यहां के किसानों को भी दिया जाए।
राकेश टिकैत ने कहा कि, निजीकरण के विरोध में अब तक यहां ट्रैक्टर मार्च नहीं निकला है। यदि ट्रैक्टर मार्च निकलता है तो यह आंदोलन दिल्ली से जुड़ जाएगा। राकेश टिकैत ने कहा कि, बस्तर के सारे गांव के लोग ट्रैक्टर लेकर पहुंचे और विरोध करें।
राकेश टिकैत दो दिन से बस्तर में ही हैं। वे यहां किसानों की समस्या जानने और बीजापुर में चल रहे ग्रामीणों के आंदोलन में शामिल होने के लिए पहुंचे हैं। राकेश टिकैत ने दंतेवाड़ा में मीडिया से बातचीत में कहा कि, उन्हें बीजापुर में चल रहे आंदोलन में जाने से रोक दिया गया है। पुलिस ने नक्सल इलाका होने का हवाला दिया।
उन्होंने कहा कि माइनिंग से सिर्फ बड़े लोगों को फायदा होगा। यहां के किसानों को नुकसान झेलना पड़ेगा। यहां के जंगल को काटा जा रहा है। प्रकृति को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। अडानी की कंपनियां यहां घुस चुकी है। यहां के जंगल खत्म हो रहे, जमीन बंजर हो रही है।
आदिवासियों से मिलने नहीं रोक पाएगी सरकार
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि, इस बार हमें जाने नहीं दिया गया है। लेकिन, मैं फिर आऊंगा। आदिवासियों से जरूर मिलूंगा। यदि मुझे जाने नहीं दिया जाता तो आदिवासी रायपुर आ जाएंगे। मैं वहां उनसे मिल लूंगा। मुझे आदिवासियों से और आदिवासियों को मुझसे मिलने से सरकार भी नहीं रोक पाएगी।
किसानों को धान का पैसा दे रहे ज्यादा
राकेश टिकैत ने कहा कि, छत्तीसगढ़ सरकार एक ही काम ठीक कर रही है, जो किसानों को धान का पैसा ज्यादा दे रही है। बाकी इनकी काम की पॉलिसी दिल्ली जैसी ही है। जब मीडिया ने उनसे नक्सलियों के बारे में पूछा तो उन्होंने इसका जवाब देते कहा कि कहां हैं नक्सली? मुझे तो कहीं मिले ही नहीं।