दिल्ली के मध्यप्रदेश भवन में रुक सकेंगे MP के मरीज,सिविल सर्विस एग्जाम देने जाने वाले छात्र भी ठहर सकेंगे, CM शिवराज ने किया उद्घाटन…

दिल्ली के मध्यप्रदेश भवन में रुक सकेंगे MP के मरीज,सिविल सर्विस एग्जाम देने जाने वाले छात्र भी ठहर सकेंगे, CM शिवराज ने किया उद्घाटन…

मध्यप्रदेश से सिविल सर्विसेज की परीक्षा देने वाले और गंभीर बीमारियों का इलाज कराने के लिए दिल्ली जाने वाले लोगों के लिए अच्छी खबर है। ऐसे लोग दिल्ली में बने नवनिर्मित मध्यप्रदेश भवन में ठहर सकेंगे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसका ऐलान किया है।

सीएम शिवराज सिंह ने गुरुवार को दिल्ली में 150 करोड़ की लागत से बनाए गए मध्यप्रदेश भवन का उद्घाटन किया। इस दौरान सीएम ने पूजा-पाठ करा रहे पंडित जी के साथ खुद भी मंत्रोच्चार किया। 5 स्टार होटल जैसी सुविधाओं से लैस ये भवन 5,889 वर्ग मीटर क्षेत्र (1.2 एकड़) में फैला है।

मध्यप्रदेश भवन आगामी 30 से 40 साल की जरूरतों के हिसाब से बनाया गया है। नए भवन में प्रदेश की संस्कृति, परंपराएं, जीवन मूल्य, आस्थाएं, महापुरुषों के जीवन, प्रदेश के प्राकृतिक सौंदर्य समेत सांची, खजुराहो, मांडू, उज्जैन, ओंकारेश्वर, अमरकंटक, ओरछा, सहित महत्वपूर्ण स्थलों की छटा भी दिखाई दे रही है।

कार्यक्रम में मौजूद सीएम शिवराज और केन्द्रीय मंत्री डॉ. वीरेन्द्र कुमार।

कार्यक्रम में मौजूद सीएम शिवराज और केन्द्रीय मंत्री डॉ. वीरेन्द्र कुमार।

मध्यप्रदेश भवन की खासियत

सामान्य प्रशासन विभाग के एसीएस विनोद कुमार ने बताया कि 2017 में इस भवन के लिए जमीन तय की गई। 2018 में इसे बनाने का काम शुरू हुआ। इस भवन में सभी आधुनिक जरूरतों के हिसाब से सभी सुविधाएं मौजूद हैं। इसमें 108 कमरे हैं। इसमें वीआईपी, वीवीआईपी और 67 डीलक्स, 38 स्टैंडर्ड रूम शामिल हैं। इसके अलावा सभागार, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग रूम, आवासीय आयुक्त के ऑफिस के साथ स्टाफ क्वार्टर भी है।

सेंट्रल एसी के साथ आधुनिक अग्निशमन यंत्र लगे हैं। दिल्ली में मप्र के व्यंजन मुहैया कराने के लिए एमपीटी कैंटीन चलाएगा। ये भवन दिल्ली में मध्यप्रदेश की पहचान और शान को बढ़ाएगा। भवन में श्रीअन्न कोदो, कुटकी, ज्वार, बाजरा, रागी का प्रदर्शन किया जाएगा। इस भवन में गंभीर बीमारियों के इलाज और सिविल सेवा भर्तियों की परीक्षा के लिए आने वालों को रुकने की सुविधा भी दी जाएगी। दिल्ली में मध्यप्रदेश की संस्कृति के महत्वपूर्ण केन्द्र के रूप में ये भवन उभरेगा।

इसलिए बनाए 108 कमरे
उद्घाटन कार्यक्रम में सीएम शिवराज ने कहा- जब इसे बनाने की योजना बनी, तो हमने तय किया कि 108 कमरे बनने चाहिए। असल में 108 का अंक योग शास्त्र में परिपूर्णता का प्रतीक है। ये अंक ब्रह्मांड और एकमेव होने का उदाहरण है। ये भवन केन्द्र और राज्य के सह अस्तित्व की भावना को फलीभूत करेगा। कला और सांस्कृतिक धरोहरों को कोलाज, मूर्तियों और चित्रों के माध्यम से दिखाया गया है। पहली मंजिल पर स्वतंत्रता नायक, आदिवासी लोक कला, सिरेमिक और मैटल वर्क से दिखाया गया है। कोशिश होगी कि मंत्री, सांसद, विधायक के साथ ही राज्य के नागरिकों को भी जरूरत पर लाभ मिल सके।

मध्यप्रदेश भवन में 108 कमरे हैं। ये भवन सात मंजिला बनाया गया है।

मध्यप्रदेश भवन में 108 कमरे हैं। ये भवन सात मंजिला बनाया गया है।

MP के इन लोगों के लिए सुविधा

  • प्रदेश के राजपत्रित अधिकारी-कर्मचारियों को दिल्ली में प्रवास के दौरान रुकने की सुविधा मिलेगी।
  • मध्यप्रदेश से दिल्ली जाने वाले गंभीर मरीजों और उनके परिजन रुक सकेंगे।
  • सिविल सर्विस के एग्जाम देने जाने वाले परीक्षार्थी ठहर सकेंगे।
  • ऐसे अफसर, जो परिवार समेत दिल्ली गए हैं, उन्हें रुकने के लिए सिर्फ एक रूम ही अलॉट होगा।
  • कमरे उपलब्ध न होने पर रूम शेयर भी करना पड़ सकता है।
  • मप्र भवन में ठहरे अधिकारी-कर्मचारी, जनप्रतिनिधि के जाने के बाद उस रूम में ठहरे परिवार के सदस्यों को अगले 24 घंटे तक ही ठहरने की सुविधा मिलेगी।
  • सरकारी कर्मचारियों को एक बार की ट्रिप में अधिकतम 7 दिनों तक रुकने की सुविधा मिलेगी। इससे ज्यादा समय में रुकने के लिए सामान्य प्रशासन विभाग की मंजूरी लेनी होगी।
  • वीवीआईपी के लिए आवासीय आयुक्त मप्र भवन के कमरों को रिजर्व कर सकते हैं।
  • देश, विदेश में आपदा के समय मप्र के नागरिकों को दिल्ली में ठहरने के लिए मप्र जाने तक रुकने की अनुमति ट्रांजिट अकॉमोडेशन की सुविधा फ्री मिलेगी।
मध्यप्रदेश भवन के अंदर मध्यप्रदेश के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों और महापुरुषों की तस्वीरें लगाई गई हैं।

मध्यप्रदेश भवन के अंदर मध्यप्रदेश के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों और महापुरुषों की तस्वीरें लगाई गई हैं।

VVIP के लिए रुकने का नियम

  • पूर्व राज्यपाल, पूर्व सीएम, दूसरे राज्यों के राज्यपाल (जो मप्र के मूल निवासी हैं) आदि को एक साल में 30 दिनों तक रुकने की सुविधा मिलेगी। इस अवधि से ज्यादा रुकने पर शुल्क देना होगा।
  • MP हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश, जज, लोकायुक्त, उप लोकायुक्त, मध्यप्रदेश माध्यस्थम अधिकरण के अध्यक्ष, MPPSC के अध्यक्ष, राज्य उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष, मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष, राज्य निर्वाचन आयुक्त, मध्यप्रदेश के मुख्य सूचना आयुक्त के लिए भी रुकने की खास व्यवस्था रहेगी।
  • MP के विधायक 5 दिन तक रुक सकेंगे।
  • पूर्व सांसद और पूर्व विधायक साल में 15 दिन फ्री रुक सकेंगे।
  • मध्यप्रदेश के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एक साल में अधिकतम 30 दिन फ्री रुक सकेंगे।
  • राज्य शासन के अधिकारी, कर्मचारी या उनके परिवार के सदस्य, जो चिकित्सा शिक्षा संचालक (DME) की अनुशंसा के आधार पर डॉक्टर को दिखाने, जांच और इलाज कराने दिल्ली आए हों, इन्हें एक साल में 15 दिन रुक की सुविधा मिलेगी। इससे ज्यादा दिनों तक रुकने पर किराए में छूट नहीं मिलेगी।
  • दिल्ली में जांच और इलाज के लिए पहुंचे मप्र के नागरिकों को एक साल में 15 दिनों तक आधी दरों पर रुकने की सुविधा मिलेगी।
  • काम के सिलसिले में दिल्ली गए मप्र के सेवारत अधिकारी-कर्मचारी 6 दिन तक फ्री रुक सकेंगे।
  • निजी काम से दिल्ली गए मप्र के रिटायर्ड अधिकारी, कर्मचारियों को 3 दिनों तक फ्री रुकने की सुविधा मिलेगी।
  • अशोक चक्र, परमवीर चक्र, महावीर चक्र से सम्मानित मप्र के निवासी सैनिकों को एक साल में 15 दिन फ्री रुकने की सुविधा मिलेगी।
  • दिल्ली में भारतीय सिविल सेवा की मुख्य परीक्षा में पास हो चुके उम्मीदवारों को इंटरव्यू के लिए मप्र भवन में एक साल में अधिकतम 10 दिनों तक फ्री में रुकने की सुविधा मिलेगी।
  • 5 से ज्यादा लोगों के ग्रुप रिजर्वेशन की सुविधा सिर्फ मध्यांचल भवन में मिलेगी। ए कैटेगरी के कमरों में 4000 रुपए प्रतिदिन की दर पर दो लोगों के लिए सुबह का शाकाहारी नाश्ता भी मिलेगा।
  • बी कैटेगरी के कमरों में 2500 रुपए प्रतिदिन की दर पर दो लोगों के लिए सुबह का शाकाहारी नाश्ता भी मिलेगा।

पूर्व राज्यपाल, पूर्व सीएम, दूसरे राज्यों के राज्यपाल (जो मप्र के मूल निवासी हैं) आदि को एक साल में 30 दिनों तक रुकने की सुविधा मिलेगी। इस अवधि से ज्यादा रुकने पर शुल्क देना होगा।

कैंसिलेशन की सूचनावापस मिलने वाली राशि (प्रतिशत में)
30 दिन या उसके बाद75%
29 से 15 दिनों के बीच50%
14 से 6 दिनों के बीच25%
5 दिनों से कम सूचना देने पर0%

अनाधिकृत तौर पर रुके व्यक्ति पर लगेगा दोगुना चार्ज
मप्र भवन में पात्रता और मंजूरी के बिना यदि कोई रुकता है, तो रूम खाली कराने के साथ ही दोगुनी दरों पर किराया वसूला जाएगा। इसके साथ ही उसे मप्र भवन में हमेशा के लिए ब्लैक लिस्टेड भी किया जा सकता है।

मप्र भवन के उद्घाटन कार्यक्रम में सीएम शिवराज सिंह चौहान के साथ मप्र भाजपा के अध्यक्ष वीडी शर्मा, केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, डॉ. वीरेन्द्र कुमार, फग्गन सिंह कुलस्ते, मप्र भाजपा के प्रभारी मुरलीधर राव के अलावा मप्र सरकार के मंत्री और मप्र के भाजपा विधायक, सांसद भी मौजूद रहे।

कार्यक्रम में मौजूद सीएम शिवराज, केन्द्रीय मंत्री सिंधिया, कुलस्ते और वीरेन्द्र कुमार

कार्यक्रम में मौजूद सीएम शिवराज, केन्द्रीय मंत्री सिंधिया, कुलस्ते और वीरेन्द्र कुमार

कमलनाथ ने रखी थी नींव
इस भवन की आधारशिला 12 जनवरी 2019 को पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने रखी थी। करीब तीन साल बाद यह भवन बनकर तैयार हुआ है। उद्घाटन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किया। यह भवन नई दिल्ली के चाणक्यपुरी इलाके के रोज एंड मेरी मार्ग पर बनाया गया है, जो पुराने भवन के नजदीक ही है।

दिल्ली में मप्र के दो भवन हैं। मप्र भवन में 40 कमरे और मध्यांचल भवन में करीब 60 कमरे हैं। नया भवन बनने के बाद अब पुराने मप्र भवन को सरेंडर कर दिया जाएगा। नए मप्र भवन (108 कमरे) और मध्यांचल भवन (60 कमरे) में रुकने की सुविधा मिलेगी।

ऑडिटोरियम व एक भोजनालय

भवन को बनाए जाने में 150 करोड़ रुपए की लागत आई है। 2 वीवीआईपी सुइट्स बनाए गए हैं, जो राज्यपाल और मुख्यमंत्री के लिए हैं। इसके अलावा 67 डीलक्स कमरे भी हैं। भवन में मीटिंग हाल, कन्वेंशन हाल, ऑडिटोरियम एक भोजनालय कक्ष भी है।

पुराने भवन में नहीं थी आज के हिसाब से व्यवस्थाएं
सीएम ने कहा- पुराने भवन में एक-दो कमरे जोड़कर उसे बढ़ाने की शुरुआत हुई थी। आधुनिक हिसाब से जो सुविधाएं चाहिए वो व्यवस्थाएं नहीं थीं। कमरे ऐसे थे कि विधायक मंत्री अगर मिलने आते थे तो बिस्तर पर ही आगंतुक बैठते थे। इसलिए काम की जरूरत के हिसाब से नए मप्र भवन की जरूरत थी। आज इसका लोकार्पण हुआ। मैं इस मौके पर जब हमें भूखंड की जरूरत थी उस समय वैंकैया नायडू शहरी विकास मंत्री थे, ये जमीन विदेश मंत्रालय के पास थी सुषमा स्वराज विदेश मंत्री थीं।

हमने निवेदन किया कि मप्र के लिए एक अच्छे भवन के लिए जमीन चाहिए। इस इलाके में ये भूखंड लेना कितना कठिन काम था। सुषमा जी, वैंकेया जी और सबके सम्मिलित प्रयासों से मप्र भवन के लिए जमीन मिली। जैसे प्रधानमंत्री जी ने कल के बजट में 50 साल के भारत के दृष्टि से बजट बनाया उसी प्रकार मप्र का यह भवन भविष्य की जरूरतों के हिसाब से बनाया गया है। एनडीएमसी से एनओसी मिल गई है।

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