छत्तीसगढ़ संस्कृत विद्यामण्डलम् के अध्यक्ष डॉ. सुरेश शर्मा ने गीता को महत्वपूर्ण कल्याणकारी ग्रंथ बताया। उन्होंने कहा कि गीता में मानव जाति के समस्त धर्मों एवं कर्मों का उल्लेख किया गया है। डॉ. शर्मा महामाया मंदिर रतनपुर परिसर में आयोजित गीता जंयती समारोह को संबोधित कर रहे थे। समारोह का आयोजन छत्तीसगढ़ संस्कृत विद्यामण्डलम् और महामाया मंदिर ट्रस्ट रतनपुर के संयुक्त तत्वावधान में महामाया मंदिर परिसर में संचालित संस्कृत विद्यालय में किया गया ।
छत्तीसगढ़ योग आयोग के अध्यक्ष ज्ञानेश शर्मा ने कहा कि धर्म ग्रंथ गीता में भगवान कृष्ण ने अर्जुन को निमित्त मानकर मानव जाति को उसके कर्तव्य, धर्म का सही अर्थ में बोध कराने के उपदेश दिया है। बख्शी शोधपीठ के पूर्व अध्यक्ष एवं इतिहासकार डॉ. रमेन्द्रनाथ मिश्र ने भगवान कृष्ण और अर्जुन की धर्म नगरी रतनपुर में आगमन का प्रमाण स्वरूप वहां स्थित कृष्णा-अर्जुन तालाब के संबंध अनेक जानकारी दी। महामाया मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष आशीष सिंह ठाकुर ने भगवान कृष्ण के छायाचित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। ठाकुर ने साल और श्रीफल से अतिथियों को सम्मानित किया।
समारोह में सेवानिवृत्त प्राध्यापक पार्थ सारथी राव, छत्तीसगढ़ संस्कृत विद्यामण्डलम् के सदस्य डॉ. तोयनिधि वैष्णव, प्राभारी सचिव पूर्णिमा पाण्डेय, सहायक संचालक लक्ष्मण प्रसाद साहू, व्याख्याता आशारानी चतुर्वेदी और अन्य विद्वतजनों के साथ महामाया मंदिर ट्रस्ट के पदाधिकारी, संस्कृत विद्यालय के शिक्षक-शिक्षिकाएं एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।