मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अपील पर जिले के गोठानों में पशुओं के चारा के लिए किसान बड़ी संख्या में आगे आकर पैरादान कर रहे हैं। गोठानों में किसानों द्वारा पैरादान करने से गायों के लिए चारे की व्यवस्था आसानी से होगी। कलेक्टर सौरभ कुमार के मार्गदर्शन में जिले में अभियान चलाकर पैरादान संग्रहण का कार्य किया जा रहा है।
जिले के 145 ग्राम पंचायतों में अब तक 587 ट्रैक्टर ट्रॉली पैरादान किया गया है। बिल्हा विकासखण्ड के 55 ग्राम पंचायतों में 251 ट्रैक्टर ट्रॉली, कोटा विकासखण्ड के 13 ग्राम पंचायतों में 92, मस्तूरी विकासखण्ड के 36 ग्राम पंचायतों में 115 और तखतपुर ब्लॉक के 41 ग्राम पंचायतों में 129 ट्रैक्टर ट्रॉली पैरादान आज तक किया गया है। पैरादान के लिए ग्राम पंचायत की महिलाएं भी अच्छी खासी रूचि दिखा रही है। गांव में पैरादान भरपूर होने से मवेशियों के लिए चारे की उपलब्धता बनी रहेगी। सुराजी ग्राम योजना के तहत निर्मित गोठानों में सालभर चारे की उपलब्धता सुनिश्चित करने की उद्देश्य से किसानों को पैरादान के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। गौरतलब है कि जिले में खरीफ धान फसल की कटाई में कबाईन हार्वेस्टर का बहुतायत में उपयोग होता है। हार्वेस्टर से कटाई उपरांत पैरा खेत में फैल जाता है। खेत में फैले पैरे को किसान आमतौर पर समेटते नहीं है और खेतों में जला देते है। इससे पर्यावरण प्रदूषित होता है और पशुओं के लिए चारा भी नहीं उपलब्ध हो पाता है। इन्हीं कारणों को देखते हुए पैरादान के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। कलेक्टर सौरभ कुमार ने कृषि विभाग और जनपद पंचायतों के सीईओ को पत्र जारी किया है कि मैदानी अमले को गोठानों में अधिक से अधिक पैरादान करवाने के लिए निर्देशित करें। गोठानों में पैरादान प्रोत्साहन हेतु विकासखण्ड स्तर में प्रतियोगिता आयोजित कर सर्वाधिक पैरादान करने वाले किसानों और पैरादान से सर्वाधिक पैरा प्राप्त करने वाले गोठान समिति प्रबंधक को पुरस्कृत भी किया जाएगा।