इस उत्सव में पारम्परिक व्रत एवं पूजा के बाद बलि देने का रिवाज भी शामिल है। सोंगी मुखौटा नृत्य हाथ में छोटी डंडियाँ लेकर किया जाता है। नर्तक काल भैरव और बेताल के भी मुखौटे पहन कर नृत्य करते हैं। यह नृत्य असत्य पर सत्य की विजय का प्रतीक है। ढोल, पावरी तथा संबल वाद्य इस नृत्य में प्रमुख रूप में उपयोग किए जाते हैं। पावरी वादक हरे रंग का चोंगा पहनते हैं तथा सिर पर मोर के पंख बांधते हैं।
नशीली दवाओं के विक्रय करने वालों पर होगी कठोर वैधानिक कार्यवाही: उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा
रायपुर । उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा है कि प्रदेश में नशीली दवाओं के सेवन एवं विक्रय पर प्रभावी नियंत्रण हो यह सुनिश्चित किया जाए।...