प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि पिछले दिनों देशवासियों का सबसे अधिक ध्यान चीतों ने आकर्षित किया। चीतों के आने पर देश के कोने-कोने से लोगों ने प्रसन्नता व्यक्त की। एक सौ तीस करोड़ भारतवासी खुश हैं, गर्व से भरें हैं, यह भारतवासियों के प्रकृति प्रेम का प्रतीक है। लोगों का एक सामान्य सवाल यह है कि हमें चीतों का देखने का अवसर कब मिलेगा। प्रधानमंत्री मोदी ने देश के लोगों में जिज्ञासा का विषय बने कूनो के चीतों पर आज अपने “मन की बात” कार्यक्रम में देशवासियों से चर्चा की।
उल्लेखनीय है कि देश में चीतों की पुनर्स्थापना के लिए प्रधानमंत्री मोदी की पहल पर श्योपुर जिले में स्थित कूनो राष्ट्रीय उद्यान का चयन किया गया था। प्रधानमंत्री मोदी ने अफ्रीका से आए चीतों को अपने जन्म-दिवस 17 सितम्बर को श्योपुर जिले के कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा था। मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा भारत में चीतों के पुर्स्थापन के लिए मध्यप्रदेश को चुनने के लिए प्रधानमंत्री मोदी का आभार मानते हुए इसे वाईल्ड लाइफ की सबसे बड़ी घटना निरूपित किया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि एक टॉस्कफोर्स का गठन यह देखने के लिए बनाया गया है कि नए माहौल में चीते कितने घुल-मिल पाए हैं। इसी आधार पर कुछ महीने बाद निर्णय लिया जाएगा कि लोग चीते कब देख पाएंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मैं आप सबको कुछ-कुछ काम सौंप रहा हूँ। इसके लिए “मॉय गव” के प्लेटफार्म पर एक प्रतियोगिता की जाएगी, जिसमें लोगों से कुछ शेयर करने का मैं आग्रह करता हूँ। आपको यह बताना है कि चीतों को लेकर हम जो अभियान चला रहे हैं, उस अभियान का नाम क्या होना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि क्या हम चीतों के नामकरण के बारे में भी सोच सकते हैं। यह तय कर सकते हैं कि इनमें से हर एक चीते को, किस नाम से बुलाया जाए। यह नाम अगर परंपरागत स्वरूप के हों तो अच्छा रहेगा, क्योंकि अपने समाज, संस्कृति, परंपरा और विरासत से जुड़ी हुई कोई भी चीज हमें सहज ही अपनी ओर आकर्षित करती है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आप यह भी बताएँ कि इंसानों को पशुओं के साथ कैसा व्यवहार रखना चाहिए। हमारे मूलभूत कर्त्तव्यों में भी पशुओं के प्रति सम्मान पर बल दिया गया है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने इस प्रतियोगिता में सभी लोगों से भाग लेने की अपील करते हुए कहा कि यह भी हो सकता है कि प्रतियोगिता में पुरस्कार स्वरूप चीतों को देखने का पहला अवसर आपको ही मिल जाए।