मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कोविड-19 के कारण अनेक विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं में हिस्सा लेने से वंचित होना पड़ा था। विद्यार्थियों के साथ न्याय करते हुए म.प्र. लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं के लिए अधिकतम आयु सीमा में 3 वर्ष की वृद्धि एक बार के लिए की जा रही है।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि कोविड की परिस्थितियों के कारण भर्ती परीक्षाएँ नियमित रूप से नहीं की जा सकी। इसलिए अनेक बच्चे ओवरएज हो गए हैं। बच्चों ने आग्रह भी किया था कि उन्हें इन परिस्थितियों के कारण अन्याय का शिकार होना पड़ रहा है। राज्य शासन ने निर्णय लिया है कि परीक्षा न होने से जो बच्चे ओवरएज हो गए उनके साथ अन्याय न हो। इसके लिए एक बार के लिए अधिकतम आयु सीमा को 3 साल के लिए बढ़ाया गया है। विद्यार्थियों का पक्ष न्यायसंगत है, उनके हित में यह निर्णय लिया गया है।