वीडियो : झीरम कांड : नेता प्रतिपक्ष ने कहा, पहली रिपोर्ट से क्यों घबराई है सरकार, सीएम ने पूछा – किसे बचा रही भाजपा

वीडियो : झीरम कांड : नेता प्रतिपक्ष ने कहा, पहली रिपोर्ट से क्यों घबराई है सरकार, सीएम ने पूछा – किसे बचा रही भाजपा

रायपुर । झीरम घाटी नरसंहार की जांच के लिए बनाए गए न्यायिक जांच आयोग के कामकाज पर छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने फिलहाल के लिए रोक लगा दी है। इसके साथ ही प्रदेश में राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है।

झीरम आयोग की पहली रिपोर्ट से क्यों घबरा रही है सरकार : धरमलाल कौशिक

याचिका लगाने वाले नेता प्रतिपक्ष धरमलाल ने कहा है, सरकार झीरम आयोग की पहली रिपोर्ट से क्यों घबरा रही है। उसके सार्वजनिक किए बिना दूसरा आयोग गठित करना गलत है। कौशिक ने कहा, जब झीरम की घटना हुई थी तो सरकार ने न्यायमूर्ति प्रशांत मिश्रा की अगुवाई में एक जांच आयोग बनाया था। एनआईए ने भी जांच की थी। मिश्रा आयोग ने मामले की जांच कर प्रतिवेदन सौंप दिया। इसके बाद सरकार की जवाबदारी है कि उसे विधानसभा में पेश करे। उसका परीक्षण ओपन करे। पता लगना चाहिए कि इतनी जांच के बाद उसमें निकला क्या। छत्तीसगढ़ की जनता भी यह जानना चाहती है। कौशिक ने कहा, सरकार अपनी जवाबदारी से भाग रही है। आनन-फानन में दूसरा आयोग बनाकर जांच शुरू कर दिया। ऐसे में आयोग की कानूनी वैधता क्या रही। मुझे लगता है कि पिछली जांच से छत्तीसगढ़ की सरकार घबराई हुई है। इसकी वजह से आनन-फानन में नया आयोग बनाया है।

झीरम की जांच से किसे बचाना चाहती है भाजपा : भूपेश बघेल

वहीं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पलटवार करते हुए पूछा है, झीरम की जांच से भाजपा किसे बचाना चाहती है। भाजपा और खासकर नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक हर जांच को पूरी होने से रोकते है । नान मामले के बाद अब झीरम की जांच को रोक रहे है। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल की आखिर परेशानी क्या है । एनआईए से हमने डायरी मांगी नहीं दिए। पुराने आयोग की जांच अधूरी थी तो हमने नया आयोग का गठन किया। झीरम कांड में ऐसा क्या है जो जांच को रोकना चाहते है। क्या इनको जजों पर विश्वास नहीं है। हम अगली सुनवाई में अपना पक्ष रखेंगे।



क्या है झीरम घाटी मामला

25 मई 2013 को सुकमा की झीरम घाटी में नक्सलियों ने कांग्रेस की परिवर्तन रैली के बाद लौट रहे नेताओं के काफिले पर हमला किया था। हमले में पूर्व केन्द्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल, बस्तर टाइगर कहे जाने वाले महेंद्र कर्मा, तत्कालीन कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नंद कुमार पटेल समेत 32 कांग्रेसी नेता और सुरक्षाकर्मी मारे गए थे। एक तरह से प्रदेश कांग्रेस का पूरा शीर्ष नेतृत्व चुनाव से ऐन पहले खत्म हो गया था। कांग्रेस ने 2018 के चुनावी घोषणापत्र में झीरम कांड की जांच कराने के वादे को भी प्रमुखता से शामिल किया था।

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