रायपुर। प्रदेश में बिजली 2.31 फीसदी महंगी हो गई है। छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग ने आज नया टैरिफ जारी कर दिया है। इसमें घरेलू उपभोक्ताओं के लिए बिजली दर 10 पैसा प्रति यूनिट की दर से बढ़ाई गई है। अन्य सभी श्रेणी के उपभोक्ताओं के लिए बिजली की दर 15 पैसा प्रति यूनिट की दर से बढ़ी हैं।
छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग ने प्रदेश में बिजली की नई दरें तय की है। घरेलू उपभोक्ताओं को अब 100 यूनिट के खपत पर 10 रुपए अधिक देने होंगे। इसी क्रम में 200 से लेकर 1000 यूनिट तक 10 रुपए अतिरिक्त लगेगी। हजार यूनिट पर यह वृद्धि 100 रुपए की होगी। राज्य शासन द्वारा दिए जाने वाले बिजली बिल हाफ योजना एवं राज्य शासन द्वारा दी जाने वाली छूटें व सेस इसमें शामिल नहीं है। स्थिर प्रभार में कोई वृद्धि नहीं की गई है। छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग ने बुधवार को बिजली दरों में बढ़ोतरी का ऐलान किया है। आयोग की ओर से जारी नई दरों के अनुसार घरेलू उपभोक्ताओं के लिए प्रति यूनिट 10 पैसे और अन्य उपभोक्ताओं की दर में 15 पैसे की वृद्धि की गई है।
छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष हेमंत वर्मा ने बताया, राज्य सरकार के स्वामित्व वाली तीनों बिजली कंपनियों ने टैरिफ बढ़ाने के लिए याचिका लगाई थी। कंपनियों ने 2022-23 के लिए 1004 करोड़ रुपए के राजस्व घाटे की पूर्ति का प्रस्ताव दिया था। आयोग ने अपने परीक्षण के बाद केवल 386 करोड़ रुपए का घाटा स्वीकार किया है। विद्युत वितरण कंपनी ने 19 हजार 336 करोड़ 76 लाख की राजस्व आवश्यकता बताई थी। उसको घटाकर केवल 17 हजार 115 करोड़ 85 लाख रुपया मान्य किया गया। आयोग ने 2022-23 के लिए बिजली की औसत लागत 6.22 रुपए निर्धारित की है। 2021-22 की प्रचलित दर से औसत बिल 6.08 रुपए आता है। यह औसत विद्युत लागत से 14 पैसा कम है। आयोग ने बताया कि बिजली कंपनियों की ओर से प्रस्तावित कुल 1004 करोड़ रुपए के घाटे की भरपाई की जाती तो टेरिफ में औसतन 5.39 प्रतिशत की वृद्धि करनी पड़ती। इसे घटाकर 386 करोड़ रुपए ही मान्य किया गया, ऐसे में बिजली की दरों में औसतन 2.31 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। बिजली की नई दरें एक अप्रैल 2022 से प्रभावी हो चुकी हैं। यानी अप्रैल महीने का बिजली बिल नये टेरिफ के हिसाब से आएगा।
फैसले के मुख्य बिंदु
• घरेलू उपभोक्ताओं के विद्युत दरों में 10 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि
• अन्य सभी विद्युत उपभोक्ताओं की दरों में 15 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि
• 220 एवं 132 केवी के उच्च दाब स्टील उद्योगों के दरों में 5 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि
• एचवी-5 श्रेणी के अन्तर्गत आने वाले पोहा एवं मुरमुरा मिल को वर्तमान टैरिफ में ऊर्जा प्रभार में 5 प्रतिशत की छूट दी जाएगी. इसी प्रावधान को एलवी-5 श्रेणी के पोहा एवं मुरमुरा मिल पर लागू करते हुए 5 प्रतिशत की छूट दी गई है.
• एचवी-3 श्रेणी के अन्तर्गत आने वाले टैक्सटाइल उद्योग, इण्डस्ट्री एवं इथेनॉल उद्योग को ऊर्जा प्रभार में 25 प्रतिशत की छूट
• उपयुक्त निम्नदाब एवं उच्च दाब श्रेणियों के वर्तमान में लागू बिलिंग डिमांड को 75 से बढ़ाकर 80 प्रतिशत किया गया है।
राज्य की विद्युत वितरण कंपनी की कार्य कुशलता बिलिंग दक्षता में वृद्धि करने वर्तमान टैरिफ आदेश में निर्देश जारी किए गए हैं।
दरों में बढ़ोत्तरी को ऐसे समझे
अगर आप एक घरेलू उपभोक्ता हैं और आपके घर में 100 यूनिट की खपत है और यही खपत स्थिर रहती है तो आप पर बढ़ाेत्तरी का कोई असर नहीं होगा। लेकिन अगर 100 की जगह 200 यूनिट खपत करते हैं तो 10 रुपए अधिक देने होंगे। इसी क्रम में 200 यूनिट पर 20, 300 यूनिट पर 30 और एक हजार यूनिट पर 100 रुपए अधिक देने होंगे। घरेलू उपभोक्ताओं को 100 यूनिट की खपत पर अब तक 360 रुपए बिल देने पड़ते थे। नये टेरिफ के मान से अब उन्हें 10 रुपए अधिक 370 रुपए देने होंगे। इसी प्रकार 101-200 यूनिट खपत पर पहले 760 रुपए देने पड़ते थे अब उन्हें 780 रुपए देने हाेंगे।
कृषि उपभोक्ताओं को छूट जारी रहेगी
आयोग ने स्पष्ट किया है, गैर सब्सिडी वाले कृषि पंप वाले उपभोक्ताओं को ऊर्जा प्रभार में 20 प्रतिशत की छूट जारी रहेगी। खेतों में लगे बिजली के मोटर पंप और खेतों की रखवाली के लिए 100 वॉट के भार के उपयोग की सुविधा प्रभावी है। आयोग ने इसको इस साल भी जारी रखा है।
ग्रामीण अस्पतालों को भी छूट
ग्रामीण क्षेत्रों, बस्तर विकास प्राधिकरण और सरगुजा विकास प्राधिकरण क्षेत्र में संचालित अस्पतालों, नर्सिंग होम, डायग्नोस्टिक सेंटर के लिए प्रचलित बिजली दरों में 7 प्रतिशत की छूट होगी। यह छूट पहले भी मिल रही थी। महिला स्व-सहायता समूहों से संचालित ग्रामीण व्यावसायिक गतिविधियों में ऊर्जा प्रभार पर 10 प्रतिशत की छूट।
नक्सल प्रभावित क्षेत्र में अधिभार नहीं
राज्य के नक्सलवाद प्रभावित दूरस्थ जिलों में संचार व्यवस्था को सुदृढ़ करने मोबाइल संपर्क की सुविधा को विस्तारित करने के लिए नये मोबाइल टॉवर की स्थापना को प्रोत्साहित करने हेतु 1 अप्रैल 2019 के पश्चात् लगने वाले मोबाइल टॉवर के ऊर्जा प्रभार में 50 प्रतिशत की छूट को जारी रखी गई है।