मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ विधानसभा में किया बजट पेश, यह रहा मुख्यमंत्री का बजट भाषण…

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ विधानसभा में किया बजट पेश, यह रहा मुख्यमंत्री का बजट भाषण…

रायपुर । मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज छत्तीसगढ़ विधानसभा में बजट पेश किया। यह रहा मुख्यमंत्री का बजट भाषण…

विधानसभा में बजट भाषण के दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि मेरा सौभाग्य है कि भारत की आजादी की 75 वी सालगिरह के वर्ष में मैं अपनी सरकार का यह बजट प्रस्तुत कर रहा हूँ। मुझे संतोष है कि बीते तीन वर्षों के दौरान हमारी सरकार ने आजादी के नायक राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के सपनों को पूरा करने की दिशा में सार्थक कदम उठाये हैं। बापू की स्मृतियों को संजोने एवं उनके विचारों पर आधारित विकास के रास्तों को प्रदर्शित करने के लिये नवा रायपुर में सेवा ग्राम की स्थापना की जायेगी। इस परियोजना की अनुमानित लागत 100 करोड़ है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में इस पर व्यय हेतु नवीन मद में 5 करोड़ का प्रावधान है।

  1. हमने अपनी विरासत और विकास योजनाओं को लेकर जो कहा था, उसे करके भी दिखाया है। जिसके कारण ग्रामीण तथा वनांचलों में रोजगार के नये अवसर बने हैं तथा हमें ग्राम केन्द्रित नयी अर्थव्यवस्था स्थापित करने में सफलता मिली है। विकास के इस “छत्तीसगढ़ मॉडल को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है।
  2. हमारी सरकार द्वारा पहले वर्ष में ही 17 लाख 96 हजार किसानों का 8 हजार 744 करोड़ रूपये का कृषि ऋण माफ किया गया। किसानों से धान की खरीदी 2500 रूपये प्रति क्विंटल की दर पर की गयी। खरीफ • 2018 के धान हेतु 15 लाख 77 हजार किसानों को 6 हजार 22 करोड़ रूपये की बोनस राशि का तत्काल भुगतान किया गया।

4.बस्तर के विकास का नया अध्याय शुरू करते हुए संभाग के जिलों में नारंगी वन क्षेत्र में से 30 हजार 439 हेक्टेयर भूमि राजस्व मद में वापस दर्ज की गई है। हमारे इस कदम से वहाँ के निवासियों को कृषि एवं व्यवसाय हेतु पट्टे दिये जा सकेंगे। नये उद्योगों की स्थापना की जा सकेगी। शासकीय भवनों के निर्माण, सड़क एवं रेलमार्ग का विकास तथा अन्य गतिविधियों के लिये भी सरलता से भूमि उपलब्ध हो सकेगी।

  1. राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना में 6 हजार वार्षिक सहायता राशि दी जा रही है। इस वर्ष 3 लाख 54 हजार 513 भूमिहीन कृषि मजदूरों को 71 करोड़ 08 लाख की प्रथम किश्त का भुगतान किया जा चुका है। आगामी वर्ष से 6 हजार वार्षिक सहायता की राशि को बढ़ाकर 7 हजार करने की घोषणा करता हूँ।
  2. प्रदेश के अनुसूचित क्षेत्र में आदिवासियों के देवस्थलों पर पूजा करने वाले व्यक्ति, जिन्हें भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में मांझी, बैगा, गुनिया, पुजारी इत्यादि भिन्न-भिन्न नामों से जाना जाता है, का आदिवासियों के सांस्कृतिक जीवन एवं सामाजिक संस्कारों में विशेष महत्व है। आदिवासियों के सांस्कृतिक एवं सामाजिक संस्कार को जीवित रखने में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका है। इन पुजारियों/ बैगा / गुनिया / मांझी आदि जिनमें आदिवासियों के देवस्थल के हाट पाहार्या एवं बाजा मोहरिया भी शामिल है, को राज्य शासन द्वारा राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के अनुरूप लाभ दिये जाने की घोषणा करता हूँ।
  3. सुराजी गांव के स्वप्न को साकार करने के लिये प्रदेश में स्थापित गोठानों को महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क के रूप में विकसित किया जायेगा। इन औद्योगिक पार्कों में स्थानीय खाद्य उत्पादों एवं लघु वनोपज उत्पादों के मूल्य संवर्द्धन (Value Addition) के लिये प्रसंस्करण इकाईयों की स्थापना की जायेगी। बांस एवं काष्ठ शिल्प, मेटल शिल्प तथा अन्य हस्त शिल्प से संबंधित लघु एवं कुटीर उद्योगों की स्थापना के लिये स्थानीय युवाओं को सहयोग दिया जायेगा।
  4. इन औद्योगिक पार्कों में तैयार किये जाने वाले उत्पादों का चयन हितग्राहियों के कौशल, कच्चे माल की उपलब्धता तथा तैयार उत्पाद की उपभोक्ताओं में मांग को ध्यान में रखते हुए किया जायेगा। इन औद्योगिक पार्कों में उन्नत अघोसंरचना तथा बिजली पानी जैसी बुनियादी सुविधाएँ उपलब्ध कराने के लिये 600 करोड़ का प्रावधान है।
  5. गोधन न्याय मिशन, टी-कॉफी बोर्ड का गठन, मछली पालन एवं लाख उत्पादन को कृषि के समकक्ष दर्जा देना, मिलेट मिशन एवं वाणिज्यिक वृक्षारोपण जैसे कार्यक्रमों के क्रियान्वयन से रोजगार के नये अवसरों का सृजन हुआ है। इन उत्पादों के विपणन का कार्य छत्तीसगढ़ लघु वनोपज संघ द्वारा छत्तीसगढ़ हर्बल्स ब्रान्ड के नाम से किया जा रहा है।
  6. नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित कौशल विकास कार्यक्रम का विभिन्न नवाचारी योजनाओं के साथ समन्वय एवं राज्य स्थित विशिष्ट शिक्षण संस्थाओं की विशेषज्ञता का लाभ लेते हुए रोजगार एवं स्वरोजगार की नवीन संभावनाओं पर कार्य किया जा रहा है। इस हेतु छत्तीसगढ़ रोजगार मिशन की शुरूआत के लिये 2 करोड़ का प्रावधान है।
  7. छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मण्डल एवं छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित की जाने वाली परीक्षाओं में राज्य के स्थानीय प्रतिभागियों का परीक्षा शुल्क माफ करने की घोषणा करता हूँ।
  8. शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले राज्य के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की पुरानी मांग पर विचार करते हुए एन.पी.एस योजना के स्थान पर पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की घोषणा करता हूँ।
  9. शासकीय अधिवक्ताओं के मानदेय में भी आगामी वर्ष से वृद्धि की घोषणा करता हूँ।

आर्थिक स्थिति

  1. अध्यक्ष महोदय, अब मैं राज्य की आर्थिक स्थिति का ब्यौरा सदन के सामने प्रस्तुत करता हूँ। राज्य के चालू वर्ष के आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार स्थिर भाव पर वर्ष 2020-21 की तुलना में चालू वर्ष के सकल राज्य घरेलू उत्पाद में 11.54 प्रतिशत की वृद्धि अनुमानित है।
  2. वर्ष 2021-22 में स्थिर भाव पर राज्य में कृषि क्षेत्र में 3.88 प्रतिशत, औद्योगिक क्षेत्र में 15.44 प्रतिशत और सेवा क्षेत्र में 8.54 प्रतिशत की वृद्धि अनुमानित है। इस प्रकार कृषि एवं सेवा क्षेत्र में राज्य की अनुमानित वृद्धि दर, राष्ट्रीय स्तर के समतुल्य एवं औद्योगिक क्षेत्र में अनुमानित वृद्धि दर राष्ट्रीय दर से 3.64 प्रतिशत अधिक है।
  3. प्रचलित भाव पर राज्य का सकल घरेलू उत्पाद वर्ष 2020-21 में 3 लाख 52 हजार 161 करोड़ से बढ़कर वर्ष 2021-22 में 4 लाख 61 करोड़ होना अनुमानित है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 13.60 प्रतिशत अधिक है।
  4. वर्ष 2020-21 में अनुमानित प्रति व्यक्ति आय 1 लाख 05 हजार 778 रूपये की तुलना में वर्ष 2021-22 में 1 लाख 18 हजार 401 रूपये का अनुमान है, जो कि गत वर्ष की तुलना में 11.93 प्रतिशत अधिक है।
  5. वर्ष 2021-22 के राज्य बजट में केन्द्रीय करों एवं केन्द्रीय सहायता अनुदान मद में कुल 44 हजार 325 करोड़ का प्रावधान रखा गया था। वर्ष 2022-23 के केन्द्रीय बजट को देखते हुए इस वर्ष राज्य के बजट में कुल 44 हजार 573 करोड़ की राशि केन्द्र से प्राप्त होना अनुमानित है। जून 2022 के पश्चात् जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान समाप्त किये जाने के कारण केन्द्रीय प्राप्तियों में कम वृद्धि अनुमानित है।
  6. वर्ष 2021-22 के बजट में राज्य के स्वयं के कर एवं करेत्तर राजस्व से कुल 35 हजार करोड़ की प्राप्ति अनुमानित की गयी थी। राज्य के स्वयं के राजस्व स्रोतों में वृद्धि हेतु किये जा रहे सतत् प्रयासों से राजस्व प्राप्तियों में निरंतर वृद्धि दर्ज होने के परिणामस्वरूप इस वर्ष राज्य मद से प्राप्तियों में 44 हजार 500 करोड़ की प्राप्ति अनुमानित है। इस प्रकार राज्य के स्वयं के राजस्व प्राप्तियों में 27 प्रतिशत की वृद्धि की तुलना में केन्द्रीय प्राप्तियों में केवल 1 प्रतिशत की वृद्धि अनुमानित है।

कृषि एवं ग्रामीण अर्थव्यवस्था

  1. किसानों की उन्नति के लिये हमारी सरकार द्वारा किये गये ठोस प्रयासों का ही परिणाम है कि राज्य में कृषि एक लाभप्रद व्यवसाय के रूप में उभरा है। खरीफ वर्ष 2017 में 12 लाख किसानों से उपार्जित 57 लाख मीट्रिक टन धान की तुलना में खरीफ वर्ष 2021 में 21 लाख 77 हजार किसानों से 98 लाख मीट्रिक टन धान उपार्जित किया गया है। इस प्रकार विगत 3 वर्षों के दौरान 9 लाख 77 हजार नये किसानों का पंजीयन हुआ है एवं उपार्जित धान की मात्रा में भी 41 लाख मीट्रिक टन की वृद्धि दर्ज की गयी है।
  2. धान सहित समस्त खरीफ फसलों, लघु धान्य फसलों, उद्यानिकी फसलों को बढ़ावा देने के लिये राजीव गांधी किसान न्याय योजना के अंतर्गत प्रति एकड़ अधिकतम 10 हजार की आदान सहायता देने की व्यवस्था है। विगत 2 वर्षों में 10 हजार 152 करोड़ की सहायता राशि 20 लाख से अधिक किसानों को भुगतान की जा चुकी है। इस योजना के लिये 6 हजार करोड़ का प्रावधान है।
  3. विविध फसलों को बढ़ावा देने के क्रम में गन्ना की खरीदी न्यूनतम समर्थन मूल्य 271 रूपये के स्थान पर 355 रूपये प्रति क्विंटल की दर से की जा रही है। इस वर्ष 12 लाख मीट्रिक टन गन्ना खरीदी हेतु 112 करोड़ का प्रावधान है।
  4. पिछड़े क्षेत्र वाले 14 जिलों के 25 विकासखण्डों में पोषण सुरक्षा, कृषि उत्पाद का मूल्य संवर्धन एवं कृषकों की आर्थिक स्थिति में सुधार हेतु चिराग परियोजना प्रारंभ की गई है। इसके लिये 200 करोड़ का प्रावधान है।
  5. प्रदेश के किसानों को उच्च गुणवत्तायुक्त प्रमाणित बीज की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु कृषक समग्र विकास योजना में 123 करोड़ का बजट प्रावधान है।
  6. फसल बीमा योजना में 575 करोड़, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन योजना में 323 करोड़, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में ड्रिप एवं स्प्रिंकलर स्थापित करने के लिये 60 करोड़ एवं कृषि यंत्रों के वितरण एवं प्रचार प्रसार हेतु 87 करोड़ का प्रावधान है।
  7. 10 हजार 404 हेक्टेयर क्षेत्र में बहुवर्षीय फलोद्यान तथा 9 हजार 600 हेक्टेयर क्षेत्र में सब्जी उत्पादन एवं 1 हजार 895 हेक्टेयर क्षेत्र में फूलों की खेती के लिये कृषकों को सहायता अनुदान का लक्ष्य रखा गया है।
  8. कृषि एवं उद्यानिकी उत्पादों के सुरक्षित भंडारण की क्षमता में वृद्धि हेतु दुर्ग जिले में इन्टीग्रेटेड पैक हाउस की स्थापना की जायेगी। इसमें अत्याधुनिक गामा विकिरण तकनीक का उपयोग किया जायेगा। इसके लिये 24 करोड़ का प्रावधान है।
  9. खाद्य पदार्थों में कीटनाशक अवशेषों की जाँच के लिये एन.ए.बी.एल. (NABL) से मान्यता प्राप्त फाइटो-सेनेटरी प्रयोग शाला स्थापित की जायेगी।इसकी स्थापना से कृषि उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा मिलेगा, जिसका आर्थिक लाभ सीधे कृषकों को प्राप्त हो सकेगा। इसके लिये 1 करोड़ 50 लाख का प्रावधान है।
  10. प्रदेश भर में अब तक स्वीकृत 10 हजार 590 गौठानों में से 8 हजार 119 गौठानों का निर्माण पूर्ण हो चुका है। यहाँ उपलब्ध विशेष सुविधा के तहत अब तक 1 लाख 86 हजार 641 कृत्रिम गर्भाधान किये गये हैं, जिससे 57 हजार 943 बछड़ों का जन्म हुआ है।
  11. गोधन न्याय योजना के तहत अब तक 63 लाख 89 क्विंटल गोबर का क्रय किया जाकर पशुपालकों को 127 करोड़ 79 लाख रुपये का भुगतान . किया गया है। इसमें स्वावलंबी गोठानों द्वारा स्वयं के आय से भुगतान की गयी 12 करोड़ की राशि भी शामिल है।
  12. गौठानों में उपलब्ध गोबर से 11 लाख 65 हजार क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट एवं 4 लाख 65 हजार क्विंटल सुपर कम्पोस्ट का उत्पादन हुआ है। अब तक 91 करोड़ 11 लाख का वर्मी एवं सुपर कम्पोस्ट विक्रय किया जा चुका है। स्व-सहायता समूह के हितग्राहियों को 31 करोड़ 34 लाख की लाभांश राशि वितरित की गयी है।
  13. चारे की व्यवस्था हेतु अब तक 7 हजार चारागाहों की स्वीकृति दी गयी है। लगभग 5 हजार चारागाहों में चारा रोपण किया जाकर गौठानों में हरा चारा उपलब्ध कराया जा रहा है।
  14. सूखा चारा उपलब्ध कराने हेतु ग्रामीणों को पैरा-दान के लिए जागरूक एवं प्रेरित करके गौठानों में 15 लाख 67 हजार क्विंटल पैरा एकत्रित किया गया है।
  15. गौठानों को रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के रूप में विकसित करते हुए अबतक 750 गौठानों में 21 तेल मिल, 28 दाल मिल 40 आटा मिल एवं 680 मिनी राइस मिलों की स्थापना की गई है।

सिंचाई सुविधाओं का विकास

  1. सिंचाई परियोजनाओं का वास्तविक लाभ किसानों तक पहुंचाने की दिशा में ठोस कदम उठाते हुए लघु एवं मध्यम सिंचाई की योजनाओं पर. हमने विशेष ध्यान दिया है। परिणामस्वरूप वर्ष 2018 में वास्तविक सिंचित क्षेत्रफल 10 लाख 90 हजार हेक्टेयर से बढ़कर अब 13 लाख 58 हजार हेक्टेयर हो चुका है।
  2. वर्ष 2022-23 में 1 हजार 705 नवीन कार्यों के लिए 300 करोड़ का प्रावधान है। इन कार्यों से 2 लाख 32 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई क्षमता विकसित होगी। नवीन मद अंतर्गत 249 बृहदकार्य, 53 मध्यम कार्य तथा 835 लघु सिंचाई कार्य तथा 404 एनीकट एवं स्टापडेम निर्माण कार्य शामिल हैं।
  3. केलो परियोजना हेतु 90 करोड़, अरपा भैसाझार परियोजना के लिए 45 करोड़ तथा समोदा परियोजना को पूर्ण करने के लिए 14 करोड़ का प्रावधान है।
  4. नाबार्ड की सहायता से सिंचाई परियोजनाओं के निर्माण हेतु 690 करोड़, लघु सिंचाई परियोजनाओं के लिए 931 करोड़, एनीकट एवं स्टापडेम निर्माण के लिए 260 करोड़ तथा तटबंध निर्माण कार्यों हेतु 125 करोड़ का प्रावधान है।
  5. इस वर्ष 10 वृहद्, 15 मध्यम, 3 लघु सिंचाई एवं 06 मेगा उद्वहन सिंचाई परियोजनाओं के सर्वेक्षण हेतु 3 करोड़ 10 लाख का प्रावधान है।
  6. वृहद एवं मध्यम सिंचाई परियोजनाओं के संधारण हेतु 100 करोड़ का प्रावधान है।
  7. 5 एच.पी. तक के कृषि पम्पों को निःशुल्क विद्युत प्रदाय हेतु अनुदान योजना के लिये 2 हजार 600 करोड़ का प्रावधान है। इस योजना से लगभग 5 लाख किसानों को लाभ मिलेगा।
  8. सौर सुजला योजना अंतर्गत 3 एवं 5 एच.पी. क्षमता के 15 हजार सौर सिंचाई पम्पों की स्थापना की जायेगी। इसके लिये 417 करोड़ का प्रावधान है।
  9. प्रधानमंत्री कुसुम योजना अंतर्गत 10 हजार सोलर पम्पों की स्थापना हेतु राज्यांश मद में 100 करोड़ का प्रावधान है।

ग्रामीण विकास गतिविधियां

  1. राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन अंतर्गत 7 जिलों के 43 संकुल संगठनों में डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देते हुए कैशलेश इकॉनॉमी बनाने का प्रयास किया जा रहा है। उत्थान परियोजना अंतर्गत प्रदेश के 9 जिलों में विशेष पिछड़ी जनजाति की 172 महिलाओं को सी.आर.पी (Community Resource Person) के रूप में प्रशिक्षित करके कुल 9 हजार 820 परिवारों को लाभान्वित किया जायेगा।
  2. मिलाप परियोजना अंतर्गत राजनांदगांव एवं कबीरधाम जिले में 17 हजार 315 प्रवासी श्रमिकों का चिन्हांकन कर उनके समग्र विकास हेतु कार्य प्रारंभ किया गया है। उपरोक्त विभिन्न गतिविधियों हेतु ग्रामीण आजीविका मिशन योजना के लिये 450 करोड़ का प्रावधान है।
  3. प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) अंतर्गत 8 लाख 22 हजार 832 आवास पूर्ण हो चुके हैं। योजना में 800 करोड़ का प्रावधान है।
  4. स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) अंतर्गत 3 हजार 82 ग्रामों में ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन कार्य तथा 275 ग्राम पंचायतों में बायोगैस संयंत्र की स्थापना का कार्य पूर्ण हो चुका है। योजना में 500 करोड़ का प्रावधान है।
  5. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत 900 कि.मी. सड़क एवं 24 वृहद् पुलों के निर्माण का भौतिक लक्ष्य है। नक्सल प्रभावित जिले बीजापुर, सुकमा एवं दन्तेवाड़ा में 47 रटील ब्रिज निर्माण का प्रस्ताव है। योजना में 1 हजार 675 करोड़ का प्रावधान है।
  6. मुख्यमंत्री समग्र ग्रामीण विकास योजना में 200 करोड़ ग्राम पंचायत को मूलभूत कार्य हेतु अनुदान योजना में 200 करोड़ तथा पन्द्रहवें वित्त आयोग की अनुशंसा पर पंचायतों को अनुदान मद में 1 हजार 114 करोड़ का प्रावधान है।

रेशम एवं अन्य शिल्प गतिविधियां

  1. बस्तर संभाग में उपलब्ध रैली ककून वर्तमान में व्यापारियों द्वारा क्रय करके अन्य राज्यों को निर्यात किये जाने के कारण राज्य की जनता को समुचित आर्थिक लाभ नहीं मिल पाता था अतः रैली ककून का संग्रहण कर राज्य में ही धागा उत्पादन एवं प्रसंस्करण की व्यवस्था के लिये मुख्यमंत्री रेशम मिशन की शुरुआत की जायेगी।
  2. रेशम विभाग के माध्यम से रैली ककून का क्रय करने हेतु ग्राम नानगूर विकासखण्ड जगदलपुर में ककून बैंक की स्थापना की जायेगी। संग्रहित रैली ककून 200 स्व-सहायता समूहों को धागाकरण के लिये वितरण किया जायेगा। स्व-सहायता समूहों को धागाकरण हेतु प्रशिक्षण एवं मशीन उपकरण की सहायता दी जायेगी।
  3. पोस्ट यार्न गतिविधियों के लिये सामान्य सुविधा केन्द्र की स्थापना की जायेगी। मिशन के माध्यम से 200 स्व-सहायता समूहों की लगभग 4 हजार महिलाओं को प्रतिमाह 6 से 7 हजार तक की अतिरिक्त आय प्राप्त होगी। इसके लिये 4 करोड़ 53 लाख का बजट प्रावधान है।
  4. कुम्भकार परिवारों द्वारा पारम्परिक लकड़ी के चाक से मिट्टी के बर्तन, गमले, खपरा आदि का निर्माण जीविकोपार्जन के लिये किया जाता है। कार्यकुशलता एवं गुणवत्ता में वृद्धि के लिये कुम्भकार परिवारों को विद्युत चाक का वितरण किया जायेगा। इसके लिये 2 करोड़ का प्रावधान है।

पेयजल सुविधाएँ

  1. राज्य के 48 लाख 60 हजार परिवारों को घरेलू नल कनेक्शन के माध्यम से स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने का लक्ष्य है। इस हेतु जल जीवन मिशन में 1 हजार करोड़ का प्रावधान है।
  2. नगरीय निकायों में जल प्रदाय योजना के लिये अनुदान मद में 30 करोड़ तथा ऋण हेतु 55 करोड़ का प्रावधान है।
  3. गौठानों में 860 नग नलकूप खनन हेतु 10 करोड़ का प्रावधान है।
  4. नवा रायपुर अटल नगर क्षेत्र में ग्रीष्म काल में पानी की समस्या के निराकरण हेतु रविशंकर जलाशय से टीला एनीकट तक पाइप लाइन बिछाने की अनुमानित लागत 106 करोड़ है। इस हेतु नवीन मद में 2 करोड़ का प्रावधान है।

शैक्षणिक सुविधाएँ

  1. कमजोर आर्थिक स्थिति वाले परिवार के बच्चों को आधुनिक शिक्षा-अधोसंरचना का लाभ दिलाने का हमारा प्रयास सफल रहा है। अंग्रेजी माध्यम से संचालित 171 स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालयों में 1 लाख 35 हजार विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया है।
  2. इस नयी पहल के प्रति अभिभावक एवं विद्यार्थियों की अभिरूचि को देखते हुए इस वर्ष से हिन्दी माध्यम के भी 32 स्वामी आत्मानंद विद्यालय प्रारंभ करने का निर्णय लिया गया है। इससे 17 हजार 500 बच्चे लाभान्वित होंगे।
  3. इस वर्ष 11 माध्यमिक शालाओं को हाई स्कूल में एवं 12 हाईस्कूलों को हायर सेकेण्डरी विद्यालयों में उन्नयन किये जाने हेतु नवीन मद में प्रावधान है।
  4. भवन विहीन 40 हाईस्कूलों एवं 17 हायर सेकेण्डरी विद्यालयों के लिये नवीन भवन का निर्माण किया जायेगा। इसके लिये 50 करोड़ का प्रावधान है।
  5. रामकृष्ण मिशन आश्रम नारायणपुर द्वारा संचालित आवासीय विद्यालय कुतुल, कच्चापाल, ईरकभट्ठी, कुंदला एवं आकाबेड़ा में कर्मचारी आवास एवं अहाता निर्माण हेतु 6 करोड़ 95 लाख का नवीन मद में प्रावधान है।
  6. अनुसूचित जाति तथा जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों के लिये संचालित भवन विहीन छात्रावास आश्रमों हेतु 106 भवनों का निर्माण किया जायेगा। इस हेतु 50 करोड़ का प्रावधान है।
  7. बस्तर जिला जगदलपुर, बासीन जिला बालोद, माकड़ी जिला कोण्डागांव में शासकीय महाविद्यालय एवं मुंगेली में शासकीय कन्या महाविद्यालय की स्थापना के लिये बजट में प्रावधान है।
  8. 16 शासकीय महाविद्यालयों में स्नातक स्तर पर नवीन संकाय तथा 23 शासकीय महाविद्यालयों में स्नातकोत्तर स्तर पर नवीन संकाय खोलने हेतु बजट में प्रावधान है।
  9. भवन विहीन 18 शासकीय महाविद्यालयों के लिये नवीन भवन का निर्माण तथा 22 महाविद्यालयों में अतिरिक्त अध्यापन कक्षों का निर्माण तथा शासकीय महाविद्यालय सीतापुर जिला सरगुजा में ऑडिटोरियम का निर्माण किया जायेगा।
  10. शासकीय महाविद्यालय पखांजूर में कन्या एवं बालक छात्रावास की स्थापना एवं भवन निर्माण के लिये 2 करोड़ 30 लाख का प्रावधान है।
  11. प्रदेश के 28 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थाओं में संबद्ध हायर सेकेण्डरी स्कूल के विद्यार्थियों के माग अनुसार नवीन ट्रेड प्रारंभ करने के लिये बजट में सेट-अप एवं 10 करोड़ 96 लाख का प्रावधान है।

महिला एवं बाल विकास

  1. एकीकृत बाल विकास सेवा मुख्यमंत्री बाल संदर्भ योजना, वजन त्यौहार तथा नवा जतन कार्यक्रम जैसी योजनाओं एवं मुख्यमंत्री पोषण अभियान के समन्वित प्रयास से विगत तीन वर्षों के दौरान कुपोषण में 8.7 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है।
  2. राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 के मुताबिक राज्य में कुपोषण का प्रतिशत 31.3 है जो कुपोषण के राष्ट्रीय औसत 32.1 प्रतिशत से कम है।
  3. वर्ष 2019 में 4 लाख 33 हजार कुपोषित बच्चों को चिन्हांकित करके मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान प्रारंभ किया गया था। इनमें से 1 लाख 72 हजार बच्चे अब तक कुपोषण के कुचक्र से बाहर आ चुके हैं।
  4. छत्तीसगढ़ महिला कोष द्वारा वितरित महिला स्व-सहायता समूहों का 12 करोड़ 77 लाख का बकाया ऋण माफ किया गया है। इस योजना में दिये जाने वाले प्रथम ॠण की सीमा 50 हजार से बढ़ाकर 1 लाख से 2 लाख तक कर दी गयी है। प्रथम ऋण को सफलतापूर्वक वापस करने पर 2 लाख से 4 लाख तक के द्वितीय ऋण का प्रावधान किया गया है।
  5. छत्तीसगढ़ महिला कोष के लिये वर्ष 2018-19 की तुलना में वर्ष 2022-23 के प्रावधान में 30 प्रतिशत की वृद्धि करते हुए 5 करोड़ 20 लाख का प्रावधान किया गया है।

स्वास्थ्य सुविधाएँ

  1. प्रदेश की स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ बनाने हेतु नवीन भवनों का निर्माण, आधुनिक लैब एवं उपकरणों की स्थापना के साथ-साथ अतिरिक्त मानव संसाधन की व्यवस्था हेतु प्रयास किये गये हैं।
  2. विगत 2 वर्षों के दौरान स्वास्थ्य विभाग में 2 हजार 409 पदों पर भर्ती की गयी है, जिसमें चिकित्सा अधिकारी 1 हजार 329, बहुउद्देशीय पुरूष स्वास्थ्य कार्यकर्ता 282 एवं बहुउद्देशीय महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता 328, लैब टेक्नीशियन 278 तथा तृतीय चतुर्थ श्रेणी के 192 कर्मचारी सम्मिलित हैं।
  3. राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन कार्यक्रम के तहत राज्य के तीन जिला अस्पताल एवं 18 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सहित कुल 27 अस्पतालों को भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा गुणवत्ता प्रमाण पत्र प्रदान किया गया है।
  4. जगरगुंडा जिला सुकमा में 30 बिस्तर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एवं अहिवारा जिला दुर्ग में 10 बिस्तर एन.आर.सी. की स्थापना हेतु 45 नवीन पदों के सृजन एवं खैरागढ़ में 50 बिस्तर सिविल अस्पताल के भवन निर्माण हेतु बजट में प्रावधान है।
  5. अम्बिकापुर एवं कांकेर के चिकित्सा महाविद्यालयों में उपकरण क्रय हेतु 37 करोड़ तथा रायपुर चिकित्सा महाविद्यालय में कार्डियोवेस्कुलर एवं थोरेसिक सर्जरी विभाग में 150 पदों के सृजन हेतु नवीन मद में प्रावधान है।
  6. चिकित्सा महाविद्यालय रायपुर में स्नातक छात्र-छात्राओं के लिये छात्रावास निर्माण तथा कर्मचारियों के लिये आवास निर्माण हेतु 03 करोड़ का प्रावधान है।
  7. प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर मिशन हेतु 126 करोड़ एवं पन्द्रहवें वित्त आयोग अंतर्गत 454 करोड़ का नवीन मद में प्रावधान है।

वानिकी गतिविधियां

  1. कैम्पा मद की राशि से क्षतिपूर्ति वनीकरण के अतिरिक्त वनों की सुरक्षा, वन्य प्राणियों के रहवास में सुधार तथा वन क्षेत्र में भूजल संरक्षण के कार्य स्वीकृत किये गये हैं। वर्ष 2022-23 की कार्ययोजना में 1 हजार 950 नालों को उपचारित करने के लिये 300 करोड़ का प्रस्ताव है।
  2. वन प्रबंधन समिति के सदस्यों को स्व-सहायता समूहों का गठन कर वनोपज आधारित लघु एवं मध्यम उद्योगों के माध्यम से वैकल्पिक रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है।
  3. छत्तीसगढ़ लघु वनोपज संघ द्वारा वर्तमान में 65 वनोपज का क्रय किया जा रहा है। संघ द्वारा 2018 में 3 करोड़ 81 लाख के वनोपज का क्रय किया गया था, जबकि 2020-21 में क्रय किये गये वनोपज का मूल्य 153 करोड़ है।
  4. छत्तीसगढ़ लघु वनोपज संघ के द्वारा कोदो-कुटकी 3 हजार रूपये एवं रागी 3 हजार 377 रूपये प्रति क्विंटल की दर से क्रय किया जा रहा है। साथ ही, 10 हजार प्रति एकड़ की दर से सहायता राशि भी प्रदाय की जा रही है।
  5. प्रदेश के विभिन्न स्व-सहायता समूहों द्वारा उत्पादित सामग्री के विक्रय हेतु प्रत्येक नगरीय निकाय क्षेत्र में सी-मार्ट की स्थापना की जायेगी। इसके लिये 5 करोड़ का प्रावधान है।

नगरीय सुविधाएँ

  1. नागरिकों को उचित मूल्य पर जेनेरिक दवाईयां एवं सर्जिकल सामान उपलब्ध कराने के लिये 136 श्री धनवंतरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर्स की स्थापना की गई है। इस योजना के तहत अबतक 17 करोड़ 92 लाख बाजार मूल्य की दवाईयों पर 10 करोड़ रूपये की छूट देते हुए 5 लाख 92 हजार नागरिकों को लाभान्वित किया गया है।
  2. मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना के तहत 14 नगर निगमों में 60 मोबाइल एम्बुलेंस एवं दाई दीदी क्लीनिक का संचालन किया जा रहा है। योजना की सफलता को देखते हुए इसे प्रदेश के समस्त नगरपालिका एवं नगरपंचायतों के लिये लागू किया जायेगा। इसके लिये 50 करोड़ का प्रावधान है।
  3. शहरी निर्धन परिवारों को आवास उपलब्ध कराने हेतु ‘मोर जमीन मोर मकान तथा मोर मकान मोर चिन्हारी” योजनाओं के तहत 450 करोड़ का प्रावधान है।
  4. आर्थिक गतिविधियों को गति प्रदान करने के उद्देश्य से नगरीय निकायों के सम्पत्ति के ऑफसेट मूल्य को कलेक्टर गाइडलाइन में निर्धारित दर से 30 प्रतिशत कम करने की घोषणा करता हूँ।
  5. मिशन अमृत 2.0 के तहत शहरों में स्वच्छ एवं सुरक्षित जल तथा समस्त घरों में नल कनेक्शन प्रदाय करने के लिये 200 करोड़ एवं नगरीय निकायों को जल आवर्धन योजना में 380 करोड़ का प्रावधान है।
  6. कोरबा, दन्तेवाड़ा, सक्ती, शिवरीनारायण एवं चन्द्रपुर में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापना हेतु 20 करोड़ का प्रावधान है।

खेल एवं युवा कल्याण गतिविधियां

  1. राज्य की युवाशक्ति को संगठित कर प्रदेश के विकास में सहभागिता बढ़ाने हेतु राजीव युवा मितान क्लब का गठन किया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में 11 हजार 664 एवं नगरीय क्षेत्रों में 1 हजार 605 क्लबों का गठन किया जायेगा। इसके लिये 75 करोड़ का प्रावधान है।
  2. नारायणपुर जिले में आदिवासी विद्यार्थियों के मल्लखंभ कौशल को निखारने के लिये मल्लखंभ अकादमी की स्थापना की जायेगी। इसके लिये 2 करोड़ 83 लाख का प्रावधान है।
  3. लाभांडी जिला रायपुर में निर्माणाधीन टेनिस अकादमी के सेट-अप एवं फर्नीचर उपकरण के लिये 1 करोड़ 70 लाख का प्रावधान है।

जनप्रतिनिधियों के माध्यम से स्थानीय विकास गतिविधियां

  1. जनता की मांग के अनुरूप स्थानीय विकास के कार्यों की त्वरित स्वीकृति दिये जाने के उद्देश्य से विधायक निधि की राशि 2 करोड़ से बढ़ाकर 4 करोड़ करने की घोषणा करता हूँ। इसके लिए 364 करोड़ का प्रावधान है।
  2. जिला पंचायत अध्यक्षों हेतु 15 लाख, उपाध्यक्ष हेतु 10 लाख एवं सदस्यों हेतु 4 लाख प्रतिवर्ष के मान से जिला पंचायत विकास निधि योजना में 22 करोड़ का प्रावधान है।
  3. जनपद पंचायत अध्यक्षों हेतु 5 लाख, उपाध्यक्षों हेतु 3 लाख एवं सदस्यों हेतु 2 लाख प्रतिवर्ष के मान से जनपद पंचायत विकास निधि योजना में 66 करोड़ का प्रावधान है।
  4. जिला पंचायत, जनपद पंचायत एवं ग्राम पंचायत के पदाधिकारियों के मानदेय में भी वृद्धि की गयी है। जिला पंचायत अध्यक्षों का मानदेय 15 हजार से बढ़ाकर 25 हजार, जिला पंचायत उपाध्यक्षों का मानदेय 10 हजार से बढ़ाकर 15 हजार एवं जिला पंचायत सदस्यों का मानदेय 6 हजार से बढ़ाकर 10 हजार प्रतिमाह किया गया है।
  5. जनपद पंचायत अध्यक्षों का मानदेय 6 हजार से बढ़ाकर 10 हजार, जनपद पंचायत उपाध्यक्षों का मानदेय 4 हजार से बढ़ाकर 6 हजार एवं जनपद पंचायत सदस्यों का मानदेय 1 हजार 500 से बढ़ाकर 5 हजार प्रतिमाह करने की घोषणा करता हूँ।
  6. सरपंचो का मत्ता 2 हजार से बढ़ाकर 4 हजार एवं पंचों का भत्ता 200 से बढ़ाकर 500 रूपये प्रतिमाह किया गया है। इसके लिये 184 करोड़ का प्रावधान है।
  7. ग्राम पंचायतों को और अधिक आत्मनिर्भर एवं सशक्त बनाने की कड़ी में अधिसूचित क्षेत्रों में रेत खदानों का संचालन पंचायतों द्वारा किये जाने की घोषणा करता हूँ। साथ ही किसी भी ग्राम पंचायत की सहमति के बिना पंचायत क्षेत्र में कोई भी खदान संचालित नहीं की जायेगी।

102 अबूझमाड़ क्षेत्र के 237 ग्राम अब तक असर्वेक्षित होने के कारण यहां के किसान विभिन्न योजनाओं के लाभ से वंचित थे। इस क्षेत्र के 9 गांवों का सर्वे पूरा करके 675 किसानों को अस्थायी भू-अभिलेख दिये जा चुके हैं। शेष ग्रामों का सर्वेक्षण शीघ्र ही पूर्ण किया जायेगा।

राजस्व एवं पुलिस प्रशासन

  1. प्रदेश में 6 नवीन तहसील देवकर एवं निभौरी जिला बेमेतरा, जरहागांव जिला मुंगेली, दीपका एवं भैंसमा जिला कोरबा, कोटाडोल जिला कोरिया स्थापित की जायेंगी। इसके लिये 84 पदों के सेट-अप का प्रावधान है।

104 11 नवीन अनुविभाग कार्यालयों की स्थापना मालखरौदा जिला जांजगीर-चाम्पा, बलरामपुर एवं राजपुर जिला बलरामपुर-रामानुजगंज, धमधा जिला दुर्ग, भोपालपट्टनम एवं भैरमगढ़ जिला बीजापुर, बागबहरा जिला महासमुंद, भरतपुर एवं खड़गवां-चिरमिरी जिला कोरिया, तिल्दा-नेवरा जिला रायपुर तथा सहसपुर-लोहारा जिला कबीरधाम में की जायेगी। इसके लिये 77 पदों के सेट-अप का प्रावधान है।

  1. प्रदेश के ब्लॉक मुख्यालय में कार्यरत शासकीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों हेतु आवास भवनों का निर्माण किया जा रहा है। इसके लिये नवीन मद में 58 करोड़ का प्रावधान है।
  2. चिटफंड कंपनियों से पीड़ित 17 हजार 404 निवेशकों को 11 करोड़ 23 लाख की राशि वापस दिलायी गयी है।
  3. मानव तस्करी की रोकथाम हेतु राज्य स्तर पर एन्टी ह्यूमन ट्रैफिकिंग ब्यूरो तथा सतर्कता एवं शिकायत सेल का गठन किया जायेगा। इसके लिये 23 नवीन पदों के सृजन का प्रावधान है।
  4. बस्तर संभाग में कार्यरत सहायक आरक्षकों को वेतन भत्तों तथा पदोन्नति का लाभ देने के लिये “डिस्ट्रिक्ट स्ट्राइक फोर्स” नाम से नवीन कैडर का गठन करने की घोषणा करता हूँ।
  5. नव गठित जिलों (मानपुर-मोहला-चौकी, सक्ती, सारंगढ-बिलाई गढ़ एवं मनेन्द्रगढ़ – चिरमिरी-भरतपुर) की स्थापना हेतु 1 हजार 100 नवीन पदों के सृजन का प्रावधान है।
  6. जिला बिलासपुर एवं जगदलपुर में एयरपोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था हेतु 114 नवीन पदो के सृजन का प्रावधान है।

111.03 नवीन पुलिस चौकी क्रमशः भैंसा जिला रायपुर, घटारानी जतमई जिला गरियाबंद, राहूद जिला जांजगीर की स्थापना हेतु 99 पदों के सृजन का प्रावधान है।

112 05 पुलिस चौकी क्रमशः मारो जिला बेमेतरा, जेवरा-सिरसा जिला दुर्ग, नैला जिला जांजगीर चाम्पा, खरसिया जिला रायगढ़ एवं वाड्रफनगर जिला बलरामपुर का थाने में उन्नयन हेतु 226 नवीन पदों के सृजन का प्रावधान है।

  1. 300 नग बुलेट प्रुफ जैकेट क्रय हेतु 03 करोड, वाटर कूलर क्रय हेतु 1 करोड़ 58 लाख तथा समस्त थानों में सीसीटीव्ही कैमरा लगाने हेतु 25 करोड़ का प्रावधान है।
  2. शहीदों के सम्मान हेतु रायपुर में छत्तीसगढ़ अमर जवान ज्योति स्मारक की स्थापना, पुलिस मेमोरियल टॉवर एवं अन्य निर्माण कार्यों के लिये बजट में प्रावधान है।
  3. पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों के आवासीय सुविधा हेतु 320 आवास गृहों को क्रय करने के लिये 65 करोड़ का प्रावधान है। 118. राज्य के 9 जेलों में 50-50 बंदी क्षमता के बंदी बैरक निर्माण एवं अन्य निर्माण कार्यों हेतु 16 करोड़ 96 लाख का प्रावधान है।

भवन व सड़कों का निर्माण एवं संधारण

  1. लोक निर्माण विभाग के बजट में कुल 6 हजार 638 करोड़ का प्रावधान है। राज्य बजट के अतिरिक्त अन्य संसाधनों से भी वित्त व्यवस्था करते हुए वर्तमान में 16 हजार करोड़ से भी अधिक लागत के सड़क एवं पुल निर्माणाधीन है।
  2. राज्य मार्गों के निर्माण हेतु 228 करोड़, मुख्य जिला सड़कों के निर्माण हेतु 458 करोड़, ग्रामीण मार्गों के निर्माण हेतु 810 करोड़, वृहद एवं मध्यम पुलों के निर्माण हेतु 315 करोड तथा रेल्वे ओवरब्रिज निर्माण हेतु 90 करोड़ का प्रावधान है।
  3. शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में कुल 659 नवीन निर्माण कार्य प्रस्तावित हैं। इसमें 502 सड़क कार्य हेतु 365 करोड़ 134 वृहद एवं मध्यम पुल कार्य हेतु 103 करोड़ तथा 8 नवीन शासकीय विश्रामगृह के निर्माण हेतु 3 करोड़ का प्रावधान है। 15 रेलवे ओवरब्रिज कार्य के सर्वेक्षण हेतु 8 करोड़ 65 लाख का प्रावधान है।
  4. मुख्यमंत्री सुगम सड़क योजना अंतर्गत राज्य में निर्मित शासकीय भवनों जैसे:- स्कूल, स्वास्थ्य केन्द्र, आंगनबाड़ी इत्यादि को पक्की सड़क से जोड़ने हेतु पहुंच मार्ग के निर्माण की लोकप्रियता को देखते हुए बजट में 150 करोड़ का प्रावधान है।
  5. एशियन विकास बैंक की सहायता से निर्माणाधीन सड़क विकास परियोजना के लिए 884 करोड़ का प्रावधान है।

122 नाबार्ड की सहायता से ग्रामीण मार्गो एवं मध्यम पुलों के निर्माण हेतु 236 करोड़ का प्रावधान है। वर्ष 2021-22 का पुनरीक्षित एवं 2022-23 का बजट अनुमान

  1. अध्यक्ष महोदय, अब मैं वर्ष 2021-22 का पुनरीक्षित एवं 2022-23 का बजट अनुमान सदन के समक्ष प्रस्तुत करता हूं।
  2. वर्ष 2021-22 में कुल प्राप्ति के बजट अनुमान 97 हजार 145 करोड़ की तुलना में पुनरीक्षित अनुमान 99 हजार 601 करोड़ है। इस प्रकार बजट अनुमान की तुलना में पुनरीक्षित अनुमान में 2.52 प्रतिशत की वृद्धि अनुमानित है।
  3. कुल प्राप्तियों में होने वाली वृद्धि को देखते हुए अधिक आवश्यकता वाली योजनाओं हेतु अतिरिक्त राशि दिये जाने का प्रस्ताव है। परिणामस्वरूप कुल व्यय का बजट अनुमान 97 हजार 106 करोड़ से बढ़ा करके पुनरीक्षित अनुमान 99 हजार 559 करोड़ प्रस्तावित किया गया है।
  4. वर्ष 2022-23 में 1 लाख 04 हजार करोड़ की कुल प्राप्ति का बजट अनुमान है, जो गत वर्ष की अनुमानित बजट प्राप्तियों से 7 प्रतिशत अधिक है। कुल प्राप्तियों में राज्य की राजस्व प्राप्तियां 44 हजार 500 करोड़, केन्द्र से प्राप्तियां 44 हजार 573 करोड़ एवं पूंजीगत प्राप्तियां 14 हजार 927 करोड़ अनुमानित है।
  5. वर्ष 2022-23 के लिए विनियोग का आकार 1 लाख 12 हजार 603 करोड़ का है। सकल व्यय से ऋणों की अदायगी एवं पुनर्प्राप्तियों को घटाने पर शुद्ध व्यय 1 लाख 04 हजार करोड़ अनुमानित है। राजस्व व्यय 88 हजार 372 करोड़ एवं पूंजीगत व्यय 15 हजार 241 करोड़ है। वर्ष 2022-23 में पूंजीगत व्यय कुल व्यय का 14.6 प्रतिशत है।
  6. प्रदेश में अनुसूचित जनजाति एवं अनुसूचित जाति वर्ग के विकास के लिए अनुसूचित जनजाति उपयोजना मद मे 33 प्रतिशत एवं अनुसूचित जाति उपयोजना मद में 12 प्रतिशत का बजट प्रावधान किया गया है।

129, वर्ष 2022-23 के बजट में सामाजिक क्षेत्र के लिये 37 प्रतिशत, आर्थिक क्षेत्र के लिये 40 प्रतिशत एवं सामान्य सेवा क्षेत्र के लिये 23 प्रतिशत का प्रावधान किया गया है।

राजकोषीय स्थिति

  1. अध्यक्ष महोदय, राज्य का स्थापना व्यय प्रतिवर्ष बढ़ रहा । राज्य के सभी वर्ग के लोगों को कल्याणकारी योजनाओं का समुचित लाभ देने के लिये भी प्रतिवर्ष अधिक राशि की आवश्यकता को देखते हुए राज्य के स्वयं के राजस्व को बढ़ाने की दिशा में हम निरंतर प्रयत्नशील हैं।
  2. राज्य में कर एवं करेत्तर राजस्व अर्जन करने वाले विभागों में प्रचलित कराधान नियम / अधिनियम, प्रचलित कर दरों तथा अन्य सुसंगत दस्तावेजों का अध्ययन एवं समीक्षा करके करवृद्धि के सुझाव प्रस्तुत करने हेतु वित्त विभाग के अंतर्गत “करावर्धन प्रकोष्ठ” का गठन किया जायेगा।
  3. पंजीयन विभाग के द्वारा अभिलेखों के पंजीयन शुल्क पर रोजगार एवं युवा विकास उपकर अधिरोपित किया जायेगा, जिससे 100 करोड़ की अतिरिक्त आय होगी।
  4. मार्च 2021 की स्थिति में राज्य का ऋणभार कुल बजट की तुलना में 80 प्रतिशत तथा राज्य के सकल घरेलू उत्पाद की तुलना में ऋणभार 22 प्रतिशत है, जो कि भारत सरकार एवं अन्य राज्यों की तुलना में काफी बेहतर है।
  5. राज्य के आय-व्यय को संतुलित रखने की दृष्टि से व्यय में मितव्ययिता संबंधी प्रावधानों को आगे भी निरंतर रखा जायेगा।
  6. राज्य का सकल वित्तीय घाटा 14 हजार 600 करोड़ अनुमानित है, जो राज्य के सकल घरेलू उत्पाद का 33 प्रतिशत है।
  7. वर्ष 2022-23 हेतु कुल प्राप्तियां 1 लाख 04 हजार करोड़ के विरूद्ध शुद्ध व्यय 1 लाख 04 हजार करोड़ अनुमानित है।
  8. राज्य की कुल राजस्व प्राप्तियां 89 हजार 73 करोड़ एवं कुल राजस्व व्यय 88 हजार 372 करोड़ अनुमानित है। अतः वर्ष 2022-23 में कुल 701करोड़ का राजस्व अधिक्य ( Revenue Surplus) अनुमानित है।

कर प्रस्ताव

अध्यक्ष महोदय, वर्ष 2022-23 के लिये कोई कर प्रस्ताव नहीं है।

इस प्रकार वर्ष 2022-23 का वार्षिक वित्तीय विवरण तथा अनुदान की मांगे सदन के समक्ष प्रस्तुत करता हूँ।

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