मोदी नेचुरल्स लिमिटेड ने छत्तीसगढ़ में ग्रीनफील्ड इथेनॉल डिस्टिलरी के लिए किया भूमि पूजन

मोदी नेचुरल्स लिमिटेड ने छत्तीसगढ़ में ग्रीनफील्ड इथेनॉल डिस्टिलरी के लिए किया भूमि पूजन

रायपुर । मोदी नेचुरल्स लिमिटेड ने हाल ही में छत्तीसगढ़ के रायपुर में अपने ग्रीनफील्ड इथेनॉल डिस्टिलरी का भूमि पूजन किया। कंपनी रायपुर में एक अत्याधुनिक डिस्टिलरी स्थापित कर रही है, जिसमें 6 मेगावाट का कोजेनरेशन पावर प्लांट है और इसकी उत्पादन क्षमता 210 केएलडी है। इस प्लांट को स्थापित करने के लिए, मोदी नेचुरल्स लिमिटेड ने ‘मोदी बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड’ (एमबीपीएल) के नाम से एक 100 प्रतिशत सब्सिडियरी (पूर्ण स्वामित्व वाली सब्सिडियरी कंपनी) बनायी है।

एमबीपीएल को इथेनॉल बनाने के लिए केंद्र सरकार से 210 केएलडी उत्पादन क्षमता की डिस्टिलरी की सैद्धांतिक मंजूरी मिली है और इसके लिए कंपनी ने छत्तीसगढ़ सरकार के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर भी किए हैं। इसके अलावा, कंपनी को पहले ही पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (एमओईएफएंडसीसी) से परियोजना के लिए पर्यावरण मंजूरी (ईसी) मिल चुकी है। इस परियोजना के लिए अगले दो वर्षों में लगभग 250 करोड़ रुपये का निवेश होने की उम्मीद है, जिसमें 110 केएलडी के पहले चरण में 160 करोड़ रुपये के निवेश होगा और इसे वित्त वर्ष 2022-23 की तीसरी तिमाही में पूरा कर लिया जाएगा।

यह परियोजना भारत के माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी के 2025 तक 20% ब्लेंडिंग के लक्ष्य के साथ इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल (ईबीपी) कार्यक्रम के दृष्टिकोण और रोडमैप के अनुरूप भी है।

इस घोषणा के अवसर पर, मोदी नेचुरल्स लिमिटेड के प्रबंध निदेशक, अक्षय मोदी ने बताया कि “यह महत्वपूर्ण विकास भारत के इथेनॉल इकोसिस्टम को प्रोत्साहन देने के मामले में सहायक है। इस नए इथेनॉल प्लांट के साथ, हम वाहन उत्सर्जन, वायु-गुणवत्ता में सुधार, उपभोक्ता ईंधन की कम कीमतों, क्षतिग्रस्त खाद्यान्न के उपयोग, किसानों की आय में वृद्धि, रोजगार सृजन और अधिक निवेश के अवसरों से संबंधित गंभीर चुनौतियों का मुकाबला करने में सक्षम होंगे।

एमबीपीएल और इसकी मूल कंपनी के पास व्यवसायों और परियोजनाओं की विस्तृत रेंज के प्रबंधन का चार दशकों से अधिक का अनुभव और समझ है। इथेनॉल परियोजना के निर्माण और इसे चालू करने के लिए, कंपनी ने सलाहकारों, प्लांट सप्लायर्स और इन-हाउस टीम के रूप में उद्योग के विशेषज्ञों को अपने बोर्ड में शामिल किया है।

अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) की एक रिपोर्ट बताती है कि भारत 2026 तक अमेरिका और ब्राजील के बाद दुनिया में इथेनॉल का तीसरा सबसे बड़ा बाजार बन जाएगा। इस संबंध में कुछ संचालक कारकों में सरकारी नीतियां, समग्र परिवहन ईंधन की मांग, लागत और विशिष्ट नीति डिजाइन आदि शामिल हैं।

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