रायपुर.छत्तीसगढ़ में सौर सुजला योजना के अंतर्गत अब तक एक लाख से अधिक किसानों के खेतों में सिंचाई के लिए पानी की व्यवस्था की जा चुकी है। इनमें नक्सल प्रभावित और आदिवासी क्षेत्रों के हजारों किसान भी शामिल हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गणतंत्र दिवस पर जगदलपुर में योजना के एक लाखवें हितग्राही सुरेन्द्र नाग को स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया। क्रेडा (CREDA – छत्तीसगढ़ अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण) द्वारा सौर सुजला योजना के तहत बस्तर जिले के किसान नाग की कृषि भूमि में एक लाखवां सोलर पंप स्थापित किया गया है। मुख्यमंत्री ने उन्हें सोलर पंप का कट-आउट प्रदान कर योजना की सफलता को रेखांकित किया।
प्रदेश में कृषि भूमि की सिंचाई क्षमता में वृद्धि और अविद्युतीकृत क्षेत्रों में कृषि का सिंचित रकबा बढ़ाने के लिए क्रेडा द्वारा सौर सुजला योजना संचालित की जा रही है। इसके अंतर्गत कृषि भूमि में तीन और पांच हॉर्स-पॉवर क्षमता के सोलर पम्प स्थापित किए जा रहे हैं। कृषि भूमि के साथ ही योजना के माध्यम से राज्य शासन की महत्वाकांक्षी नरवा, गरवा, घुरवा, बारी कार्यक्रम के अंतर्गत गौठानों, चारागाहों और पंजीकृत गौशालाओं में भी सोलर पम्प लगाए जा रहे हैं। योजना के तहत प्रदेश भर में स्थापित सोलर पंपो से एक लाख 20 हेक्टेयर कृषि भूमि में सिंचाई हो रही है। इससे पिछले पांच वर्षों में करीब छह लाख 55 हजार टन कार्बन उत्सर्जन में कमी हुई है।
सोलर पंप के उपयोग से राज्य में कृषि उत्पादन में वृद्धि के साथ-साथ भू-जल का संरक्षण और संवर्धन किया जा रहा है। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और लोगों का जीवन स्तर ऊंचा उठाने में सहायता मिल रही है। सौर सुजला योजना के माध्यम से खेतों में पंप लगने से किसान हर साल वर्षा काल के अतिरिक्त दो अतिरिक्त फसल ले पा रहे हैं। योजना से सिंचाई के लिए परम्परागत विद्युत पर निर्भरता भी कम हुई है। देश के दूसरे राज्यों की तुलना में छत्तीसगढ़ में ज्यादा संख्या में सोलर पम्पों की स्थापना की गई है। राज्य में योजना के सफल क्रियान्वयन और सोलर पम्पों की लगातार बढ़ती मांग के कारण केन्द्र शासन द्वारा प्रधानमंत्री कुसुम योजना के अंतर्गत भी सौर सिंचाई पम्पों की स्थापना का प्रावधान किया गया है।