राष्ट्रीय नि:शुल्क डायलिसिस कार्यक्रम के तहत राज्य के आठ अस्पतालों में ‘जीवन धारा’ नाम से निःशुल्क डायलिसिस की सुविधा प्रदान की जा रही है। किडनी रोगों से ग्रस्त मरीजों को लंबे समय तक बार-बार डायलिसिस कराना पड़ता है। इससे उन पर बड़ा आर्थिक बोझ पड़ता है। स्थानीय स्तर पर ही डायलिसिस की सुविधा मिलने से किडनी रोगों से पीड़ितों को अब दूर नहीं जाना पड़ रहा है। इससे मरीजों और उनके परिजनों के श्रम, धन और समय की भी बचत हो रही है। कोरोना काल में लॉक-डाउन के चलते जब सार्वजनिक परिवहन की सुविधाएं बंद थीं, उस समय अलग-अलग जिलों में संचालित, स्थानीय स्तर पर मौजूद इस सुविधा ने मरीजों को बड़ी राहत दी थी।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, छत्तीसगढ़ द्वारा प्रदेश के दस और जिला चिकित्सालयों में डायलिसिस सुविधा का विस्तार किया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग द्वारा इसके लिए गरियाबंद, रायपुर, धमतरी, जांजगीर, नारायणपुर, बालोद, बस्तर, दंतेवाड़ा, राजनांदगांव, सूरजपुर, बीजापुर, मुंगेली और कबीरधाम से जानकारी मांगी गई है। चरणबद्ध रूप से प्रदेश के सभी जिला अस्पतालों में यह सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव प्रदेश के सभी क्षेत्रों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उनकी पहल पर राज्य शासन के स्वास्थ्य विभाग और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा दूर-दराज के इलाकों में भी अच्छी चिकित्सा सेवाएं मुहैया कराने की नई पहल की जा रही है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा प्रदेश के पांच जिलों दुर्ग, कांकेर, कोरबा, बिलासपुर और महासमुंद में वर्ष 2020 से ही निःशुल्क डायलिसिस की सुविधा प्रदान की जा रही है। इस साल जून में जशपुर और सरगुजा में भी यह सुविधा शुरू की गई है। राष्ट्रीय नि:शुल्क डायलिसिस कार्यक्रम के तहत अब तक आठ शासकीय अस्पतालों में कुल 19 हजार 674 डायलिसिस सेशन किए जा चुके हैं। दुर्ग जिला अस्पताल में 4595, कोरबा जिला अस्पताल में 4191, कांकेर जिला अस्पताल में 3874, सिम्स (CIMS) बिलासपुर में 3103, महासमुंद जिला अस्पताल में 2331, सरगुजा जिला अस्पताल में 993, जशपुर जिला अस्पताल में 513 और बिलासपुर कोविड अस्पताल में 74 सेशन किए गए हैं।