मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से आज यहां उनके निवास कार्यालय में केन्द्रीय सिल्क बोर्ड के मुख्य कार्यपालन अधिकारी रंजित रंजन ओखण्डियार और वन्या सिल्क मिल प्राईवेट लिमिटेड के संचालक डी.एस. कसारे ने सौजन्य मुलाकात की।
मुख्य कार्यपालन अधिकारी रंजन ने मुख्यमंत्री को बताया कि छत्तीगसढ़ राज्य में एरी सिल्क के उत्पादन की अपार संभावनाएं हैं, जिसे व्यापक स्तर पर बढ़ावा दिए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि एरी सिल्क अरंडी के पौधे से प्राप्त होता है और इसकी राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय बाजार में अत्यधिक मांग है । उन्होंने मुख्यमंत्री बघेल को बताया कि प्रदेश में मलबरी एवँ टसर सिल्क से सम्बंधित उद्योग पहले से स्थापित हैं, ऐसे में यदि एरी कोकून की खेती और उत्पादन को बढ़ावा दिया जाए तो यहाँ किसानों के आय में वृद्धि होगी और किसान आत्मनिर्भर होंगे । उन्होंने बताया कि देश में स्थापित एरी सिल्क उद्योग सिल्क उत्पादन के लिए पूर्णतः एरी कोकून के आयात पर निर्भर थे परन्तु अब केन्द्रीय सिल्क बोर्ड द्वारा छत्तीसगढ़ में एरी कोकून की खेती की अनुमति मिल जाने से अब यह निर्भरता समाप्त होगी ।
इस अवसर पर कसारे ने बताया कि उन्होंने केन्द्रीय सिल्क बोर्ड के सिल्क समग्र-2 के अंतर्गत छत्तीसगढ़ में 10 हजार एकड़ क्षेत्र में एरी कोकून की खेती के लिए प्रस्ताव प्रस्तुत किया है । यह केंद्रीय सिल्क बोर्ड के सहयोग से छत्तीसगढ़ सरकार और कसारे वन्या सिल्क मिल का संयुक्त उपक्रम होगा । इस योजना से 10 हजार लोग प्रत्यक्ष रूप से तथा लगभग 50 हजार लोग अप्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित होंगे ।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि इस परियोजना के लिए आवश्यक सहयोग तथा शासन की नवीन योजनाओं में भी स्थान दिया जाएगा । निश्चित ही इस योजना से किसानों, आदिवासियों, युवाओं तथा महिलाओं को रोजगार के नए साधन मिलेंगे । जिससे उनकी आय में वृद्धि के साथ ही जीवन स्तर में भी सुधार होगा ।