छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने शासकीय तथा निजी संस्थाओं द्वारा संचालित बच्चों के आवासीय संस्थाओं में महिला एवं बाल विकास विभाग के राज्य स्तरीय वरिष्ठ अधिकारियों की टीम द्वारा निरंतर आकस्मिक निरीक्षण कराये जाने की अनुशंसा विभागीय सचिव से की है। आयोग की अध्यक्ष तेजकुंवर नेताम ने बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए बच्चों की आवासीय संस्थाओं की नियमित देखरेख व निगरानी को आवश्यक बताते हुए निरीक्षण में कसावट लाने के निर्देश दिये हैं।
नेताम ने महिला एवं बाल विकास की सचिव से संचालनालय द्वारा राज्य स्तर के कम से कम राजपत्रित स्तर के अधिकारियों को एक अथवा दो जिलों का दायित्व देकर प्रतिमाह आकस्मिक निरीक्षण करवाकर प्रतिवेदन उपलब्ध कराने लिखा है। साथ ही उन्होंने कहा है कि संस्थाओं के निरीक्षण हेतु राष्ट्रीय आयोग, राज्य आयोग तथा पूर्व अनुभवों के आधार पर राज्य स्तर पर चेकलिस्ट तैयार कर निरीक्षण प्रतिवेदन प्रस्तुत किया जाए। उन्होंने विभागीय सचिव एवं विभागाध्यक्ष को भी जिलों के भ्रमण के दौरान संस्थाआंे का आवश्यक रूप से आकस्मिक निरीक्षण करने कहा है।
नेताम ने कहा है कि आवासीय संस्थाओं के निरीक्षण के दौरान निरीक्षणकर्ता अधिकारी बच्चों से अकेले में चर्चाकर उनकी परेशानियों के बारे में पता करें और गोपनीय रिपोर्ट से आयोग को भी अवगत कराएं। उन्होंने विभाग द्वारा नामित अधिकारियों की प्रतिमाह नियमित बैठक आयोजित कर बच्चों की आवासीय संस्थाआंे की व्यवस्थाआंे की समीक्षा करने भी कहा है।