मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप गांवों के गौठानों में आने वाले पशुधन के लिए हरे चारे की व्यवस्था को लेकर गौठान समितियों द्वारा गौठान से लगी रिक्त भूमि में चारागाह विकसित किए जा रहे हैं। चारागाह की सुरक्षा के लिए चारों ओर फैंसिंग के साथ ही हाईब्रिड नेपियर ग्रास का रोपण तथा मक्का, बाजरा आदि की बुआई भी की जा रही है। राज्य में अब तक लगभग 5 हजार गौठानों की 10 हजार एकड़ भूमि में हरा चारा के लिए नेपियर रूट का रोपण एवं मक्का, बाजरा आदि की बुआई की जा चुकी है।
गौरतलब है कि सुराजी गांव योजना के गरूवा घटक के तहत गांव में पशुधन के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए अब तक 10112 गौठानों के निर्माण की स्वीकृति दी गई है। जिनमें से 6112 गौठान निर्मित एवं सक्रिय रूप से संचालित है। गौठानों में आने वाले पशुओं के लिए गौठान समितियों द्वारा सूखा चारा के साथ-साथ हरे चारे की व्यवस्था एवं पेयजल का निःशुल्क प्रबंध किया गया है।
गौठानों में पशुओं के स्वास्थ्य परीक्षण, टीकाकरण, नस्ल सुधार एवं रोगों के उपचार के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा नियमित रूप से कैंप आयोजित किए जाते हैं। गोधन न्याय योजना को गौठानों से जोड़े जाने के बाद से यहां गोबर की खरीदी, वर्मी कम्पोस्ट के साथ-साथ अन्य आयमूलक गतिविधियों के संचालन को बढ़ावा मिला है। गौठानों में पशुओं का बेहतर पोषण हो सके इसलिए सभी गौठानों में चारागाह विकसित कर हरे चारे का उत्पादन शुरू किया गया है।
राज्य के बलौदाबाजार जिले में 303 गौठानों में चारागाह विकसित किया जा चुका है। 631 एकड़ में हरे चारे का रोपण एवं बुआई के बाद सुरक्षा के लिए चारों ओर फैंसिंग भी की गई है। चारागाह में नेपियर का रोपण तथा मक्का और ज्वार की बुआई की गई।
जिले में प्रथम चरण में 71 चारागाह द्वितीय चरण में 96 चारागाह, तृतीय चरण में 40 एवं चतुर्थ चरण में 96 चारागाह स्वीकृत किये गये है। जिसके तहत 631 एकड़ भूमि में चारा का उत्पादन किया जा रहा है। इन चारागाहों में नेपियर घास के 4 लाख 41 हजार 750 रूट्स एवं अन्य बीज जैसे मक्का, बाजरा के 57 क्विंटल बीज की बुआई की गई है। इससे गौठानों में आने वाले पशुओं को हरा चारा उपलब्ध हो सकेगा। हरा चारा की उपलब्धता से पशुओं का स्वास्थ्य बेहतर होगा। दुग्ध उत्पादन में 20 से 30 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की भी उम्मीद हैै। गौठानों में हरा चारा एवं पैरा को काटने के लिए हस्त एवं विद्युत चलित चॉफ कटर की व्यवस्था की जा रही है। जिले के 223 चारागाहों में सिंचाई की भी व्यवस्था कर ली गई है, शेष चारागाहों में सिंचाई के लिए नलकूप की व्यवस्था की जा रही है।