वित्‍तमंत्री निर्मला सीतारामन ने आत्‍मनिर्भर भारत अभियान के तहत राहत पैकेज के दूसरे चरण की घोषणा की

वित्‍तमंत्री निर्मला सीतारामन ने आत्‍मनिर्भर भारत अभियान के तहत राहत पैकेज के दूसरे चरण की घोषणा की

नई दिल्ली : वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारामन ने आज प्रधानमंत्री द्वारा घोषित आत्‍मनिर्भर भारत अभियान के तहत 20 लाख करोड रुपये के आर्थिक पैकेज के सिलसिले में नौ महत्‍वपूर्ण कदमों की घोषणा की। आज नई दिल्‍ली में आर्थिक पैकेज के बारे में दूसरे संवाददाता सम्‍मेलन को संबोधित करते हुए उन्‍होंने बताया कि माननीय प्रधानमंत्री ने 12 मई 2020 को भारत की जीडीपी के 10% के बराबर 20 लाख करोड़ रुपये के विशेष आर्थिक और व्यापक पैकेज की घोषणा की। उन्होंने आत्मनिर्भर भारत अभियान का आह्वान किया। उन्होंने आत्मनिर्भर भारत के पांच स्तंभों यथा अर्थव्यवस्था, अवसंरचना, प्रणाली, युवा आबादी या शक्ति और मांग को भी रेखांकित किया।

विशेषकर प्रवासी श्रमिकों, स्ट्रीट वेंडरों, प्रवासी शहरी गरीबों, छोटे व्यापारियों, स्व-रोजगार वाले लोगों, छोटे किसानों और आवास सेक्‍टर के समक्ष मौजूद कठिनाइयों को दूर करने के लिए विभिन्‍न अहम उपायों के दूसरे भाग की घोषणा करते हुए केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रवासियों, किसानों, छोटे कारोबारियों और स्ट्रीट वेंडरों सहित गरीबों की सहायता के लिए अल्पकालिक और दीर्घकालिक उपायों के बारे में विस्तार से बताया।

श्रीमती सीतारमण ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी सदैव ही प्रवासी श्रमिकों और किसानों सहित गरीबों की कठिनाइयों को लेकर चिंतित रहते हैं। किसान और श्रमिक इस राष्ट्र की रीढ़ हैं। वे कड़ी मेहनत कर हम सभी की सेवा करते हैं। प्रवासी श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा के अलावा शहरी क्षेत्रों में किफायती और सुविधाजनक किराये वाले आवास की आवश्यकता होती है। प्रवासी और असंगठित कामगारों सहित गरीबों के लिए रोजगार अवसर सृजित करने की भी जरूरत है। किसानों को समय पर और पर्याप्त ऋण सहायता की आवश्यकता है।

श्रीमती सीतारमण ने कहा कि सरकार अर्थव्यवस्था और समाज के सभी वर्गों की जरूरतों के प्रति सजग है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि विशेष रूप से स्ट्रीट वेंडर्स द्वारा चलाए जाने वाले छोटे व्यवसाय शिशु मुद्रा ऋणों के जरिए गरिमामयी आजीविका में सहयोग देते हैं। उन्हें भी व्यवसाय के जरिए हमारे संरक्षण के साथ-साथ सामाजिक सुरक्षा और संवर्धित ऋण के रूप में हमारी देख-रेख की आवश्यकता है।

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