राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा— हम रायपुर को ओडिशा का मानते हैं हिस्सा, दिल की नही है कोई दीवार,दिल से हम सब है एक जैसे

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा— हम रायपुर को ओडिशा का मानते हैं हिस्सा, दिल की नही है कोई दीवार,दिल से हम सब है एक जैसे

रायपुर: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू छत्तीसगढ़ पहुंच चुकी हैं. राष्ट्रपति के दौरे को लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. रायपुर एयरपोर्ट से लेकर विधानसभा तक चाक चौबंद व्यवस्था की गई है. रायपुर एयरपोर्ट पहुंचने के बाद राज्यपाल रमेन डेका, सीएम विष्णुदेव साय, उपमुख्यमंत्री अरुण साव और विजय शर्मा, केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू, सांसद बृजमोहन अग्रवाल, महापौर मीनल चौबे, रमेश बैस, सरोज पांडे, गौरीशंकर अग्रवाल, शिवरतन शर्मा सहित अन्य जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को फूलों का गुलदस्ता देकर स्वागत किया. इसके बाद राष्ट्रपति मुर्मू छत्तीसगढ़ विधानसभा के लिए रवाना हुई.

छत्तीसगढ़ विधानसभा में राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई. सबसे पहले विधानसभा अध्यक्ष रमन सिंह ने भाषण देते हुए राष्ट्रपति का स्वागत किया. विधानसभा अध्यक्ष ने छत्तीसगढ़ विधानसभा में मौजूद विधायकों के बारे में जानकारी दी. इसके साथ ही विधानसभा में पारित की गई योजनाओं की जानकारी दी. रमन सिंह ने बताया कि अब तक कुछ 565 विधेयक पारित किए गए. सिंह ने ये भी बताया कि छत्तीसगढ़ विधानसभा में पक्ष और विपक्ष मिलकर किसी भी विधेयक को एक मत से पारित करते हैं. पक्ष और विपक्ष के बीच मतभेद हो सकता है लेकिन मनभेद नहीं हैं. रमन सिंह ने बताया कि हर साल पक्ष और विपक्ष के उतकृष्ट विधायक को सर्वेश्रेष्ठ विधायक का चुनाव होता है. जल्द ही छत्तीसगढ़ विधानसभा नया रायपुर में लगेगी.

छत्तीसगढ़ विधानसभा में सदन के नेता और सीएम विष्णुदेव साय, नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का शॉल और श्रीफल के साथ स्वागत किया. इस अवसर पर सदस्य संदर्भ किताब का विमोचन छत्तीसगढ़ के राज्यपाल के हाथों हुआ. नेता प्रतिपक्ष ने राष्ट्रपति के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करते हुए कहा कि पक्ष और विपक्ष मिलकर छत्तीसगढ़ की उन्नति के लिए काम कर रहे हैं.

सीएम विष्णुदेव साय ने विधानसभा में संबोधित करते हुए कहा “छत्तीसगढ़ के लिए ये अवसर ऐतिहासिक है कि विधानसभा के रजन जयंती समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शिरकत की. इसके लिए छत्तीसगढ़ की 3 करोड़ जनता की तरफ से राष्ट्रपति का स्वागत है. साल 2000 में छत्तीसगढ़ का निर्माण पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने किया था. यह वर्ष अटल जी की जन्म शताब्दी का वर्ष है. सीएम ने कहा कि छत्तीसगढ़ विधानसभा में एक अच्छे वातावरण में सदन का काम आगे बढ़ रहा है. विधानसभा सदस्यों के लिए आईआईएम रायपुर में पब्लिक लीडरशिप कार्यक्रम आयोजित किया गया था. हमारा सौभग्य है कि आज आप हमारे बीच उपस्थित है. आज हम शिष्य भाव से आपको सुनेंगे और आपके अनुभव का लाभ और मार्गदर्शन लेंगे.”

राज्यपाल रमेन डेका ने सदन को संबोधित करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को याद किया. राज्यपाल ने कहा- “छत्तीसगढ़ में अटल जी के सपनों के अनुसार विकास कार्य किए जा रहे हैं. छत्तीसगढ़ विधानसभा 25 साल की यात्रा पूरी कर रही है. इस अवसर पर राष्ट्रपति का आगमन इस कार्यक्रम को खास बना रहा है. छत्तीसगढ़ विधानसभा के 90 सदस्यों में महिला विधायकों की संख्या 19 है, जो महिला सशक्तीकरण का अच्छा उदाहरण है. स्वामी विवेकानंद ने अपने किशोर जीवन के कुछ वर्ष छत्तीसगढ़ में बिताए हैं. यह विधानसभा देश के लोकतंत्रिक व्यवस्था का अभिन्न अंग है. आपके संबोधन से सदन के सदस्य विधानसभा में और अच्छे से काम कर सकेंगे.”

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने विधानसभा में जय जोहार का नारा देकर अपना संबोधन शुरू किया. राष्ट्रपति ने कहा- छत्तीसगढ़ की स्थापना पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने की, इसके लिए उनका आभार. यहां आकर मुझे ओडिशा विधानसभा में विधायक कार्यकाल की याद आ रही है. विधानसभा राज्य की संस्कृति में प्रस्तावित होते हुए आगे बढ़ती है. इस विधानसभा के इतिहास के बारे में जानकार ये मान्यता और भी प्रबल हो जाती है कि “छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया”. छत्तीसगढ़ विधानसभा में 25 साल के दौरान इस सदन में कभी भी मार्शल का इस्तेमाल नहीं करना पड़ा. इस विधानसभा ने श्रेष्ठ आचरण का उदाहरण पेश किया.

राष्ट्रपति ने कहा कि छत्तीसगढ़ को मातृ शक्ति का रूप कहा जा सकता है. इस सुंदर राज्य के सम्मान में जय जय छत्तीसगढ़ महतारी गाया जाता है. ये राज्य सही अर्थ में भारत माता का प्रतीक है. भारत की संसदीय परंपरा में छत्तीसगढ़ की मिनी माता का नाम हमेशा लिया जाता है. इस सदन में महिला विधायकों की संख्या ज्यादा है. साल 2023 के विधानसभा चुनाव में महिला मतदातों की संख्या ज्यादा थी. जिससे महिला जनप्रतिनिधियों को सदन में पहुंचाने के लिए महिला मतदाताओं का पूरा हाथ है.

राष्ट्रपति ने कहा “सदन में सभी विधायकों को विशेषकर महिला विधायकों को ये प्रयास करना चाहिए कि अगले विधानसभा में महिला विधायकों की संख्या में और इजाफा हो. छत्तीसगढ़ के 80 प्रतिशत लोग ग्रामीण क्षेत्रों में रहते हैं और उनका मुख्य कार्य कृषि है. राज्यों के कुछ अंचलों में महिलाओं की संख्या, पुरुषों की संख्या से ज्यादा है. जो गर्व की बात है.”

द्रौपदी मुर्मू ने आगे कहा “इस विधानसभा में कई महत्वपूर्ण विधेयक पारित हुए. 565 विधेयक पारित हुए. इसके लिए पूर्व और वर्तमान विधेयक की सराहना करती हूं. छत्तीसगढ़ में विकास के प्रचूर अवसर है. यह राज्य सुंदर जंगल, झरना और प्राकृतिक वातावरण से समृद्ध है. राज्य में विकास के साथ साथ प्रकृति के साथ संतुलन बनाने की भी जिम्मेदारी है.”

राष्ट्रपति ने कहा “वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित लोगों को समाज से जोड़ने का काम अंतिम और निर्णायक मोड पर है. मुझे विश्वास है कि छत्तीसगढ़ को नक्सलवाद से मुक्त करने में सफलता हासिल करेंगे और राज्य का नाम इतिहास में स्वर्णिम अक्षर में जोड़ेंगे. गुरु घासीदास के विचार मनखे मनखे एक समान पर काम करेंगे.”

द्रौपदी मुर्मू ने अपने संबोधन के आखिर में कहा कि वह चरणदास महंत की बात से सहमत है कि संभलपुर को जैसे छत्तीसगढ़ का हिस्सा समझते हैं वैसे ही हम रायपुर को ओडिशा का हिस्सा मानते हैं. दिल की कोई दीवार नहीं है. दिल से हम सब एक जैसे हैं. छत्तीसगढ़ का चावल जगन्नाथ में चढ़ाया जाता है जिसे पूरे विश्व के लोग खाते हैं. छत्तीसगढ़ के लोग बहुत अच्छे हैं इसलिए कहा जाता है कि छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया.”

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