सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने राष्ट्रीय राजमार्गों के लिए रेटिंग तंत्र जारी किया

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने राष्ट्रीय राजमार्गों के लिए रेटिंग तंत्र जारी किया

नई दिल्ली : सड़कपरिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने 343 टोल प्लाजा को कवर करते हुए 4 और 6 लेन वाले निर्मित 18,668 किलोमीटर के राष्ट्रीय राजमार्गों के लिए रेटिंगजारी की है। यह कार्य सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के तहत भारतीयराष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा किया गया है, जिसने उन सड़कों केउपयोगकर्ताओं के प्रति अपनी जवाबदेही को बेहतर बनाने की पहल की है, जोविकसित राष्ट्रीय राजमार्गों का उपयोग करने के लिए उपभोक्ता शुल्क काभुगतान करते हैं। सार्वजनिक सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार के दृष्टिकोण केअनुसार ही यह पहल की गई है। राजमार्गों की रेटिंग का मूल उद्देश्य “राजमार्ग उपयोगकर्ताओं के लिहाज से तनाव मुक्त वातावरण में अधिकतम सुरक्षाके साथ यात्रा का न्यूनतम समय” है।

राजमार्गके प्रत्येक टोल प्लाजा को तीन प्रमुख मानदंडों के आधार पर आंका जाता है।दक्षता, सुरक्षा और उपयोगकर्ता सेवाएं। इन मानदंडों को कुल 39 मापदंडों मेंविभाजित किया गया है जिसमें औसत गति, सड़क की स्थिति, जनता के लिए सुविधाजैसे वीयूपी / पीयूपी / एफओबी, सर्विस रोड, टोल प्लाजा पर देरी, दुर्घटनाएं, घटना प्रतिक्रिया समय, सड़क के किनारे मिलने वाली सुविधाएं औरसामान्य सफाई आदि शामिल हैं। इन मानदंडों को सड़क परिवहन एवं राजमार्गमंत्रालय / भारत सरकार के अंतिम अनुमोदन से पहले भारतीय राष्ट्रीय राजमार्गप्राधिकरण और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा विस्तृत अध्ययन केबाद तैयार किया गया था। पूरे विश्व में इस तरह का कोई मानदंड कभी भीविकसित नहीं किया गया है जो उपयोगकर्ताओं के दृष्टिकोण से राजमार्ग केप्रदर्शन का मूल्यांकन तय करता है।

मंत्रालयने देश भर में टोल प्लाजा की वास्तविक समय निगरानी शुरू कर दी है।विश्लेषणात्मक आंकड़ों और त्वरित निर्णय लेने वाले आउटपुट के साथ केंद्रीयनिगरानी प्रणाली का उपयोग करके टोल प्लाज़ा / शहर की सड़कों / राजमार्गोंपर यातायात की समस्या को हल करने के लिए यह एक सरल सहायता उपाय है। यहअंततः विनियमित समय की बचत, उपयोगकर्ता के अनुभव को बेहतर बनाने, ईंधन कीबर्बादी को रोकने, लागत में कमी लाने और कार्बन फुटप्रिंट को कम करने कीसुविधा प्रदान करता है। यह सैटेलाइट इमेजरी, जीआईएस, रिमोट सेंसिंग जैसी कईतकनीकों का उपयोग करता है और यह प्रॉपरिटरी एल्गोरिथम की मदद से दूर से हीसड़कों की भीड़ की स्थिति की निगरानी करता है। आवश्यकताओं के आधार पर डेटाका फ़्रीक्वेंसी सैंपल 1 से 5 मिनट तक भी कम हो सकता है।

इसअवसर पर केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी नेकहा कि, इन प्रौद्योगिकियों का इस्तेमाल करके सड़क निर्माण और प्रबंधन मेंखामियों की पहचान करना संभव होगा। उन्होंने कहा कि इससे तेजी से दोषों कोदूर करना आसान होगा। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सड़क सुरक्षा को प्राथमिकतादेते हुए समस्याओं को दूर करने और उनमें कमी लाने में भी सहायता मिलेगी।श्री गडकरी ने कहा कि, आईआईटी और इंजीनियरिंग छात्रों को प्रशिक्षित कियाजाएगा और उन्हें इस कार्य प्रणाली में शामिल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि, फास्टैग मुद्दे प्रारंभिक समस्याएं हैं और उन्हें धीरे-धीरे हल किया जा रहाहै।

केंद्रीय मंत्री नेबताया कि इस वित्त वर्ष में अभी तक 11,035 किलोमीटर राजमार्ग का निर्माणहुआ है जो प्रतिदिन 35 किलोमीटर सड़क बनाने की दर को दर्शाता है। श्री गडकरीने इस वित्तीय वर्ष के शेष समय के भीतर 40 किलोमीटर राजमार्ग निर्माणप्रतिदिन की दर हासिल करने के लिए अपना संकल्प दोहराया।

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