रायपुर । छत्तीसगढ़ विधानसभा मानसून के समापन अवसरविधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह ने अपने उद्बोधन में कहा कि षष्ठम विधान सभा का यह तृतीय सत्र जो कि 22 जुलाई से शुरू हुए पवित्र सावन माह से प्रारंभ हुआ था और आज इस पावस सत्र का अंतिम दिवस है। इस अवसर पर मैं सर्वप्रथम सदन के नेता मुख्यमंत्री, नेता प्रतिपक्ष, संसदीय कार्य मंत्री को हृदय से धन्यवाद देता हूँ कि आप सब के सहयोग और समन्वय से यह सत्र सफलतापूर्वक सम्पन्न हो रहा है।
बजट सत्र और वर्तमान मानसून सत्र के मध्य देश में लोकतंत्र का पावन अनुष्ठान लोकसभा निर्वाचन की प्रक्रिया सम्पन्न हुई, नरेन्द्र मोदी तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बने। मैं अपनी ओर से और छत्तीसगढ़ राज्य की ओर से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बधाई देता हूँ और कामना करता हूँ कि उनके कुशल निर्देशन और मार्गदर्शन में हमारा छत्तीसगढ़ राज्य एवं हमारा देश समग्र क्षेत्रों में विकास के नये आयामों को स्पर्श करने में सफल हो।
जैसा कि आपको विदित है कि यह पावस सत्र 22 जुलाई से 26 जुलाई, 2024 तक आहूत था। इस पांच दिवसीय सत्र में कुल पांच बैठकें हुई, उपलब्धि का विषय यह है कि इस लघु सत्र में आप सभी सदस्यो ने छत्तीसगढ़ के विकास से संबंधित समग्र विषयों पर सार्थक और सारगर्भित चर्चा की। इस अवसर पर मैं पहली बार चुनकर आये सभा के सदस्यों की विशेष रूप से प्रशंसा करना चाहूँगा कि आपने संसदीय विषयों पर बहुत अच्छे ढंग से अपनी बातों को सदन में रखा। मेरा आपसे आग्रह है संसदीय विषयों पर अभिरूचि की यह निरंतरता सदैव बनाये रखें।
वरिष्ठ सदस्य अजय चन्द्राकर की संसदीय विद्वता एवं संसदीय कार्य मंत्री केदार कश्यप, स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल, उप मुख्य मंत्री विजय शर्मा, वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी ने जिस ढंग से अपने दायित्वों का निर्वहन किया वह प्रशंसनीय है। जैसा कि मैंने पूर्व में ही कहा वरिष्ठ सदस्यों से नये सदस्य सीखते हैं और इसका प्रमाण इस सत्र में स्पष्ट तौर पर दिखा । सदस्य सुशांत शुक्ला, भावना बोहरा, अनुज शर्मा, हर्षिता स्वामी बघेल, राघवेन्द्र सिंह ने चर्चा के विभिन्न माध्यमों में अपनी प्रभावी उपस्थिति दर्ज करायी है। मैं इनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करता हूँ ।
मैं आप सदस्यो से यह भी अनुरोध करता हूँ कि आप जिन संसदीय समितियों के सभापति अथवा सदस्य हैं, उन समितियों की बैठक में भी आपकी उपस्थिति आवश्यक रूप से सुनिश्चित करें, क्योंकि कार्यपालिका पर नियंत्रण और शासन के कार्यों की प्रगति की समीक्षा इन समितियों की बैठकों से सुनिश्चित होती है।
मैंने पूर्व में भी आपसे यह आग्रह किया था कि संसदीय सदन की मर्यादा और परम्पराओं को बनाये रखना प्रत्येक सदस्य का प्राथमिक और नैतिक दायित्व है और मुझे इस बात की हार्दिक प्रसन्नता है कि आप माननीय सदस्यगणों ने हमारी इस सदन की उच्च संसदीय परम्पराओं को बनाये रखा, साथ ही सदन के सम्मान को संवर्धित करने के लिए आप सभी ने जो संसदीय कार्य, विचार और व्यवहार का जो उदाहरण प्रस्तुत किया है, वह निश्चित तौर पर प्रशंसनीय है।
इस अवसर पर प्रतिपक्ष के सदस्यो की मैं इसलिए सराहना करना चाहता हूँ कि आपने सक्रिय, सजग प्रतिपक्ष की भूमिका को कुशलतापूर्वक निर्वहित किया। शासन की नीतियों और योजनाओं के क्रियान्वयन के विषय में आपने चर्चा के विभिन्न माध्यम प्रश्न, ध्यानाकर्षण, स्थगन सभी का भरपूर उपयोग किया, आपने अपने विरोध के साथ जो सुझाव इस सदन में रखे, यह लोकतंत्र की मजबूती के लिए अत्यंत आवश्यक तत्व है।
सत्ता पक्ष के साथीयो की मैं इस बात की प्रशंसा करता हूँ कि एकाधिक अवसरों पर आप सदस्यो ने अपने जनप्रतिनिधित्व दायित्वों को अपनी दलीय प्रतिबद्धता से ऊपर रखा। अपने ही दल के मंत्रीयो से जनकल्याण से जुड़े प्रश्नों को रखते हुए आपने यह सिद्ध किया कि लोकतंत्र में जनसेवक का प्रथम दायित्व केवल जनसेवा के लिए प्रतिबद्ध होना है। मैं आप सबकी संसदीय सोच तथा संसदीय आचरण एवं व्यवहार की मुक्त कंठ से सराहना करता हूँ।
आप सभी जानते हैं कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रकृति के संरक्षण के संकल्प को ध्यान में रखते हुए “एक पेड़ मां के नाम” की शुरुवात की है, इसी परिप्रेक्ष्य में इस सत्र के दौरान गुरूवार 25 जुलाई 2024 को छत्तीसगढ़ शासन के वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा आप सदस्यो ने “एक पेड़ मां के नाम” से विधान सभा आवासीय परिसर में रोपित किया। आप सभी से मेरा आग्रह है कि अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों में वृक्षारोपण के इस राष्ट्रीय अभियान को सफल बनाने में अपनी सक्रिय सहभागिता सुनिश्चित करें। पर्यावरण का संरक्षण करना हम सभी का सामाजिक और नैतिक दायित्व है।
अब मैं इस मानसून सत्र में सम्पादित हुए संसदीय कार्यों के संक्षेप में सांख्यिकीय आंकड़ों से अवगत कराना चाहूंगा।
इस सत्र के कुल 05 दिवसों में लगभग 31 घण्टे 50 मिनट चर्चा हुई। इन 5 बैठकों में 27 प्रश्न सभा में पूछे गये, जिनके उत्तर शासन द्वारा दिये गये। इस सत्र में 492 तारांकित प्रश्न एवं 474 अतारांकित प्रश्नों की सूचनाएं प्राप्त हुईं, इस प्रकार कुल 966 प्रश्नों की सूचनाएं प्राप्त हुई एवं प्रति बैठक प्रश्नों का औसत 193 प्रश्न रहा, जो छत्तीसगढ़ विधान सभा के इतिहास में सर्वाधिक है और यह सदस्यों की प्रदेश एवं अपने क्षेत्र के प्रति दायित्व निर्वहन एवं जागरूकता का द्योतक है।
यह सूचित करते हुए मुझे प्रसन्नता हो रही है कि वर्तमान सत्र में हमारे जागरूक सदस्यों द्वारा लगभग 96 प्रतिशत प्रश्न ऑनलाईन माध्यम से लगाये गये। इस सत्र में ध्यानाकर्षण की कुल 367 सूचनाएं प्राप्त हुईं, जिनमें से 142 सूचनाएं ग्राह्य और 22 सूचनाएं शून्यकाल में परिवर्तित हुईं। इस सत्र में कुल 137 स्थगन की सूचनाएं प्राप्त हुईं, जिनमें से 1 सूचना की ग्राह्यता पर चर्चा उपरांत वह अग्राह्य हुई। नियम 267-क के अंतर्गत शून्यकाल की 70 सूचनाएं प्राप्त हुईं, जिनमें से 29 सूचनाएं ग्राह्य हुई। वर्तमान सत्र में 232 याचिकाएं सदस्यों से प्राप्त हुईं, जिनमें से 74 ग्राह्य, 49 अग्राह्य, 30 व्यपगत एवं 109 विचाराधीन रहीं।
इस सत्र में विनियोग विधेयक सहित 3 विधेयकों की सूचनाएं प्राप्त हुईं और सभी विधेयक चर्चा उपरांत पारित हुए । इस सत्र का महत्वपूर्ण वित्तीय कार्य प्रथम अनुपूरक अनुमान, जिस पर 5 घंटे 22 मिनट चर्चा हुई और चर्चा उपरांत अनुपूरक बजट पारित हुआ। इस सत्र में 10 अशासकीय संकल्पों की सूचनाएं माननीय सदस्यों द्वारा दी गईं, जिनमें से 9 अशासकीय संकल्प ग्राह्य हुए तथा 5 अशासकीय संकल्पों पर चर्चा हुई ।
मैं इस अवसर पर सभापति तालिका के सदस्यों के प्रति भी धन्यवाद ज्ञापित करता हूँ, जिन्होंने सभा की कार्यवाही के संचालन में मुझे सहयोग दिया। मैं पत्रकार साथियों एवं प्रिंट एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया के प्रति आभार प्रकट करता हूँ, जिन्होंने सदन की कार्यवाही को बड़ी गंभीरता से अपने प्रचार माध्यमों में प्रमुखता से स्थान दे कर प्रदेश की जनता को सभा में सम्पादित कार्यवाही से अवगत कराया।
सत्र की पूर्णता के अवसर पर राज्य शासन के मुख्य सचिव अमिताभ जैन सहित समस्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों को बधाई देता हूँ। सुरक्षा व्यवस्था में संलग्न अधिकारी एवं कर्मचारियों को भी बधाई देता हूँ, जिन्होंने सुदृढ़ सुरक्षा व्यवस्था पूरे सत्र में कायम रखी।
मैं विधान सभा के सचिव दिनेश शर्मा सहित विधान सभा सचिवालय के समस्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों की भी प्रशंसा करता हूँ, जिन्होंने अपने दायित्वों का निर्वहन पूर्ण कुशलता एवं निष्ठा के साथ किया।
सत्र समापन के अवसर पर आगामी सत्र की तिथियों की घोषणा की परम्परा रही है । तद्नुसार आगामी सत्र दिसम्बर माह के द्वितीय/तृतीय सप्ताह में आहूत होने की संभावना है।