बिलासपुर। खीर से झुलसे छात्र के इलाज में लापरवाही बरतने वाले हेडमास्टर और टीचर को जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) ने सस्पेंड कर दिया है। वहीं, स्कूल स्टाफ की लापरवाही को हाईकोर्ट ने भी गंभीर माना है। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की डिवीजन बेंच ने केस में कलेक्टर को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। पूरा मामला तोरवा क्षेत्र के दोमुहानी के प्राइमरी स्कूल का है।
बिल्हा विकासखंड के शासकीय प्राथमिक शाला दोमुहानी में बीते 16 दिसंबर को छात्र आदित्य कुमार धीरज गर्म खीर में गिरकर झुलस गया था। इस घटना में छात्र का हाथ बुरी तरह से झुलस गया और फफोले पड़ गए। स्कूल की हेडमास्टर सुनीता खेस और स्टाफ ने बिना इलाज कराए उसे घर भेज दिया। छात्र ने घर पहुंच कर परिजनों को घटना की जानकारी दी। बच्चे की हालत देखकर नाराज परिजन उसे लेकर स्कूल पहुंचे और हंगामा करने लगे। इसके बाद स्कूल स्टाफ ने अस्पताल ले जाकर छात्र का इलाज कराया। लेकिन, हेडमास्टर और टीचर ने इस मामले को दबा दिया और घटना की जानकारी विभाग के अफसरों को भी नहीं दी।
DEO ने दिए जांच के निर्देश, लापरवाह हेडमास्टर और टीचर सस्पेंड
मामला सामने आने के बाद जिला शिक्षा अधिकारी टीआर साहू ने मंगलवार को विभाग के अधिकारियों को स्कूल भेजा और जांच के निर्देश दिए। टीम ने जांच के दौरान स्कूली छात्रों के साथ ही स्टाफ और हेडमास्टर का बयान लिया, जिसमें पता चला कि उन्होंने इस घटना को छिपाने का प्रयास किया और विभाग के अधिकारियों को घटना की जानकारी नहीं दी। इसे डीईओ ने उदासीनता और कर्तव्य के प्रति लापरवाही माना है। उन्होंने हेडमास्टर सुनीता खेस और मध्याह्न भोजन प्रभारी टीचर सुनीता पटेल को निलंबित कर दिया है। निलंबन अवधि में उन्हें बीईओ ऑफिस में अटैच किया गया है।
हाईकोर्ट ने ली जानकारी, कलेक्टर से मांगा जवाब
मंगलवार को हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने भी बच्चे के झुलसने के मामले पर संज्ञान लिया है। इस दौरान शासन के वकील ने बताया कि जिला शिक्षा अधिकारी ने जांच के लिए टीम स्कूल भेजा है। जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। वहीं, डिवीजन बेंच ने मामले में कलेक्टर को नोटिस जारी कर जवाब प्रस्तुत करने के लिए कहा है।